IAS पंकज पांडे ने अकेले जारी कर दी विवादित संस्था को मेडिकल की एनओसी अभी इस संस्था से राज्य सरकार को वसूलने है 83 करोड़ रुपए।
(4 अगस्त 2021)
@मनीष वर्मा
देहरादून। शासन में आज एक फाइल का आरटीआई तहत निरीक्षण का मौका मिला और आंखे जब उस नोट शीट को पढ़ रहा था तो अचंभित हुए जा रही थी।
हुआ यूं कि डेढ़ साल पहले सुभारती मेडिकल कॉलेज वालो ने लगभग 300 करोड़ का गबन किया था। जिसके तहत सुभारती वालो ने 300 एम बी बी एस के छात्र के फर्जी एडमिशन कर दिए। और दो साल पढ़ाकर नकली मार्कशीट अपनी फर्जी रस बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी ( जिसका विवाद हाई कोर्ट ,यूजीसी सहित सभी केंद्रित काउंसिलो के साथ लंबित चल रहा है ) , देकर टहलाने लगे। तब बच्चो के माता पिता को कहीं से पता चला कि ये डिग्री फर्जी है और MCI ने डिग्री को valid मानने से मना कर दिया और जब ऊपर से ये तथ्य पता चला कि ये जमीन और बिल्डिंग तो सुभारती की है ही नहीं।
इस यूनिवर्सिटी को संबद्धता की अनुमति भी नही है और किसी भी दिन ये सड़क पर आ जाएगा और एमसीआई ने इस विवादित संपत्ति पर अनुमति देने से मना कर दिया है क्योंकी उनके नियम कानून के अनुसार भूमि भवन अविवादित होनें चाहिए में ,देरी न करते हुए 300 स्टूडेंट्स ने माननीय सुप्रीम कोर्ट की शरण ली और वहाँ खुला इस सुभारती संस्था का कच्चा चिट्ठा।
जब सीधे सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज ने अपनी कुर्सी पर बैठ बैठे फोन लगाया उत्तराखंड DGP को और कहा कि सुभारती ने बच्चो के साथ फ्रॉड किया है और ” मैं लंच पर जा रहा हु और जब मै लंच से आऊ तो मुझे ये सारा कॉलेज और यूनिवर्सिटी सील किया हुआ चाहिएं और कब्जा राज्य सरकार के पास होना चाहिए ” ।
माननीय जज साहब का ऑर्डर था तो तत्काल कार्रवाई हुई और कॉलेज को डीजीपी द्वारा फोर्स भेज कर सील करवा दिया गया उसके बाद
टीम गई दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के नेतृत्व में चेक किया और अपनी रिपोर्ट में लिखा कि इसमें मेडिकल कोर्स नही चल सकता और ये मेडिकल चलाने के लायक नही है ( देखिए रिपोर्ट की कॉपी आगे न्यूज में ) फिर भी IAS पंकज पांडे ने इन्हे विभिन योजनाओं से अब तक करोड़ो रुपए स्वास्थ्य योजनाओं से कमवा दिए और सूत्रों से सुना हैं आधे आधे यानी Fifty Fifty की डील हुई है ।
बताइए क्या होगा उत्तराखंड की जनता की गाढ़ी कमाई का जब ऐसे बंदर बांट होगी वों भी हत्या में CBI द्वारा चार्जशीट लगाए गए अपराधियों के साथ?
सच बताए तो जांच तो आ रही है पीएमओ से 5 दिन के अंदर ये कन्फर्म है और इस बार तों शायद बहुत कड़ी कार्रवाई होगी। पांडे जी की क्योंकि जांच में वो सब TC file भी निकलेंगी जिसमे अन्य कागज छुपाएं गए है और PMO और DOPT को पहुंच गए है क्यूंकि वो RTI में पहले ही निकाल लिए गए थे।
ये वो पत्र है निदेशालय चिकित्सा शिक्षा का जो की दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अध्यक्षता में गठित कमिटी ने शाशन को भेजा था जो IAS पंकज पांडे से पूछा जाए कि उन्होंने निदेशालय से रिपोर्ट क्यों नही मांगी ? किस बात की इतनी जल्दी थी उन्हे ? क्या जल्दी के लिए नियम ,कायदे ,कानून को ताक पर रख कर ड्यूटी करेंगे ? जिससे कि पुनः बाहर से आये लोग राज्य को बेच खाये ?








