@शब्द दूत ब्यूरो (1 अगस्त, 2021)
तो क्या माननीय सांसद कानून से ऊपर हैं और नियम-कायदे उनके लिए कोई मायने नहीं रखते! उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में बरेली के आंवला संसदीय क्षेत्र के सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने कर्मचारियों के साथ जो बदतमीजी की, उससे उत्तराखंड के लोगों में भारी रोष है।
इस पूरी घटना के वीडियो में सांसद के साथ आए सुरक्षाकर्मी और उन्हें प्रोटोकॉल के तहत दिए गए उत्तराखंड पुलिस के जवान कर्मचारियों को ही धकियाते नजर आए। यानी ये मान लिया गया कि नियमानुसार शाम को छह बजे धाम परिसर का मुख्य द्वार बंद करना कर्मचारियों की गलती है। सवाल ये भी है कि क्या भगवान के धाम में आम श्रद्धालुओं और वीआईपी में फर्क है। यहां पुलिस-प्रशासन का रवैया तो यही दर्शाता है।
इस मामले में अल्मोड़ा जिला प्रशासन की चुप्पी भी संदेह के घेरे में है। बताया जा रहा है कि सांसद ने इस प्रकरण में माफी मांग ली है। लेकिन लिखित माफीनामा है या नहीं इसकी कोई खबर नहीं। वैसे भी सांसद भाजपा के हैं और प्रदेश में भी भाजपा की ही सरकार है। ऐसे में लगता नहीं कि सरकार या प्रशासन इस मामले में आगे कोई कार्रवाई करेगा।