@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (30 जुलाई, 2021)
असम-मिजोरम सीमा पर सप्ताह के शुरुआत में हुई हिंसा के बाद दोनों राज्यों के बीच स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है। असम के लोगों को राज्य सरकार ने सलाह दी है कि वे मिजोरम की यात्रा न करें। सरकार ने कहा है कि असम की जनता की सुरक्षा के लिए कोई खतरा मोल नहीं किया जा सकता। इस सप्ताह के शुरुआत में दोनों राज्यों के विवादित सीमा क्षेत्र पर हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में छह पुलिसकर्मियों और एक आम नागरिक ने अपनी जान गंवाई थी।
इस बीच मिजोरम ने कहा है कि उसके पास सबूत हैं कि असम पुलिस ने हिंसा शुरू की और सवाल किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सीमा मुद्दों पर सफल बैठक के दो दिन बाद ऐसा कैसे हो सकता है। दो राज्यों की पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 45 लोग घायल हो गए थे।
असम सरकार द्वारा जारी एडवाइज़री में कहा गया है, “इस घटना के बाद भी, कुछ मिज़ो नागरिक समाज, छात्र और युवा संगठन लगातार असम राज्य और उसके लोगों के खिलाफ भड़काऊ बयान जारी कर रहे हैं। असम पुलिस के पास उपलब्ध वीडियो फुटेज से यह पता चला है कि कई नागरिक भारी हथियारों से लैस हैं।”
इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने कहा कि असम के लोगों को मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है और जो लोग काम से संबंधित मजबूरियों के चलते मिजोरम में रह रहे हैं, उन्हें “अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए”।