@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (29 जुलाई, 2021)
गुजरात कैडर के राकेश अस्थाना को रिटायरमेंट से तीन दिन पहले दिल्ली का पुलिस आयुक्त नियुक्त किए जाने के मामले में सियासत गर्मा गई है। दिल्ली विधानसभा में राकेश अस्थाना की पुलिस आयुक्त की नियुक्ति को लेकर चर्चा हुई। बाद में दिल्ली विधानसभा ने अस्थाना की दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया और गृह मंत्रालय से नियुक्ति वापस लेने को कहा है।
आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने कहा, ‘यह नियुक्ति न केवल असंवैधानिक है बल्कि उच्चतम न्यायालय की अवमानना भी है। वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में कहा गया था कि अगर डीजीपी के लेवल पर किसी की नियुक्ति होनी है, तो उनके रिटायरमेंट में कम से कम छह महीने का समय होना चाहिए। इस प्रक्रिया में यूपीएससी से सलाह लेने का भी आदेश दिया गया था। इसकी पूरी प्रक्रिया के पालन का आदेश दिया गया था। इस प्रक्रिया के एक भी मानक का पालन राकेश अस्थाना की नियुक्ति में नहीं किया गया है।’
संजीव झा ने कहा कि पीएम मोदी के राकेश अस्थाना ‘ब्लू आई ब्वाय’ रहे हैं, जब-जब पीएम को उनकी जरूरत पड़ी, वे उपलब्ध रहे। वर्ष 2011 में उन पर लेन देन का आरोप लगा। वर्ष 2017 में सीबीआई में उनके रहते हुए बड़ा विवाद हुआ था, सीबीआई हेड के रूप में उनकी नियुक्ति के मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था। अस्थाना को स्पेशल मिशन पर भेजा गया है, जब-जब प्रधानमंत्री को लगा कि उन पर कोई गाज गिर सकती है, तो अस्थाना की नियुक्ति हो जाती है।