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बड़ी खबर : गन लाइसेंस घोटाले में शामिल कई जिलाधिकारी, करीब 3 लाख लाइसेंस हुए जारी

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (25 जुलाई, 2021)

गन लाइसेंस रैकेट की जांच कर रही सीबीआई ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में कई जिलाधिकारियों ने हथियार डीलरों की मिलीभगत से 2012 तक अवैध बंदूक लाइसेंस जारी किए थे। साथ ही बताया कि पैसे के लिए 2.78 लाख से ज्यादा अवैध बंदूक लाइसेंस जिलाधिकारियों द्वारा जारी किए गए हैं। इसे भारत का सबसे बड़ा हथियार लाइसेंस घोटाला माना जा रहा है।

सीबीआई ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में गन लाइसेंस रैकेट से संबंधित एक मामले में 20 गन हाउस सहित 40 स्थानों पर छापेमारी की। जिनके यहां छापेमारी की, उनमें दो आईएएस अधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी और नीरज कुमार भी शामिल हैं। चौधरी अभी जनजातीय मामलों के सचिव हैं, वे जम्मू और कश्मीर के छह जिलों में जिला मजिस्ट्रेट के तौर पर कार्यरत रहे हैं। उनका दावा है कि सीबीआई द्वारा उनके आवास पर तलाशी के दौरान कोई आरोपों को साबित करने वाली सामग्री नहीं मिली, लेकिन कुछ मामलों में अनियमितताओं को कबूल किया है।

इस घोटाले का पता पहली बार 2017 में राजस्थान के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने लगाया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों की ओर से जारी लाइसेंस के हथियारों के साथ अपराधियों को पकड़ा था। एटीएस ने यह भी पाया था कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेना के जवानों के नाम पर 3,000 से अधिक लाइसेंस दिए गए थे।

जहां जम्मू-कश्मीर में तत्कालीन पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी-भाजपा गठबंधन की सरकार पर सतर्कता जांच की आड़ में आरोपियों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है, वहीं 2018 में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद तत्कालीन राज्यपाल एनएन वोहरा ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था।

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