@शब्द दूत ब्यूरो
उत्तराखंड में 2022 में आसन्न विधानसभा चुनाव नजदीक हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी अभी भी बिखरी-बिखरी सी नजर नहीं आ रही है। इधर, उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने एक बार फिर हरीश रावत को सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग उठाई है। गौरतलब है कि ऐसी ही मांग पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी कर चुके हैं।
उत्तराखंड से कांग्रेस के एकमात्र राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि उत्तराखंड में हरीश रावत के कद का एक भी चेहरा नही हैं। बीजेपी व कांग्रेस में उनके मुकाबले का कोई भी नहीं है। मौजूदा परिस्थितियों में कांग्रेस आलाकमान को हरीश रावत को सीएम का चेहरा बनाने पर विचार करना चाहिए। इंदिरा हृदयेश जब जीवित थीं तो उनके कद और अनुभव का सम्मान था और पार्टी भी दोनों नेताओ को बराबर तरजीह देती थी। लेकिन उनके दुःखद निधन के बाद अब मौजूदा परिस्थितियों पर पार्टी को पुनः विचार करना चाहिए।
बीते शनिवार यानी कि 12 जून को दिल्ली में कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव के नेतृत्व में कांग्रेस की बड़ी बैठक हुई थी जिसमे प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सिंह व स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शामिल हुए थे। बैठक में निर्णय हुआ था कि 2022 का उत्तराखंड का विधानसभा चुनाव कांग्रेस किसी एक को सीएम उम्मीदवार न बना के बल्कि सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी। इस निर्णय के साथ ही आगे उत्तराखंड में कांग्रेस ने अपनी रणनीति तैयार की है।
कांग्रेस पार्टी ने बीते विधानसभा चुनाव में हार की वजह को जानने के लिए अशोक चव्हाण कमेटी का गठन किया था जिसने अपने रिपोर्ट में ये कहा था कि राज्यों में मजबूत क्षेत्रीय चेहरा न होना भी हार का कारण हैं। जिसके बाद पूर्व सीएम हरीश रावत लगातार चेहरा देने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली में बीते शनिवार को बैठक खत्म होने के बाद भी हरीश रावत ने अशोक चव्हाण कमेटी का जिक्र करते हुए राज्यों के विधानसभा चुनाव में चेहरा देने की मांग की थी।:



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