पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी खींचतान जारी है। खबर है कि विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के कई नेता वापस तृणमूल कांग्रेस में जाने की जुगत में लगे हैं। इस तरह की खबरों को खारिज करने की बीजेपी की कोशिशों को उस समय झटका लगा जब शुभेंदु अधिकारी की राज्यपाल के साथ बैठक में बीजेपी विधायकों का एक वर्ग नदारद रहा।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राजभवन में मुलाकात की। इस बैठक का उद्देश्य राज्यपाल को बंगाल में हो रही अनुचित घटनाओं से अवगत कराना और अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करना था।
हालांकि, बीजेपी के 74 में से 24 विधायकों के बैठक में नहीं जा पाने की वजह से तृणमूल कांग्रेस में वापसी की संभावनाओं को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। इस मामले ने इस विचार को भी बल दिया कि सभी विधायक शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
शुभेंदु अधिकारी पिछले साल दिसंबर में भाजपा में शामिल हुए थे और उनके बाद तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं ने बीजेपी का रुख किया। साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराया भी। इसके बाद से बीजेपी में उनका कद काफी बढ़ गया है। चुनाव के बाद उन्हें विपक्ष का नेता बनाया गया। पिछले महीने चक्रवात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच समीक्षा बैठक में भी उन्हें आमंत्रित किया गया था।
गौरतलब है कि भाजपा में शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में शामिल मुकुल रॉय ने पिछले हफ्ते तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर ली है। आशंका जताई जा रही है कि राजीव बनर्जी, दीपेंदु विश्वास और सुभ्रांशु रॉय सहित कई अन्य नेताओं के भी यह रुख अपनाने की आशंका है।