औली में शादी आयोजन पर सख्त उच्च न्यायालय
विनोद भगत
हाईकोर्ट ने आज अपने एक आदेश में उत्तराखंड के औली में शादी के मामले में नाराजगी व्यक्त करते हुए औली में सफाई के लिए आज 2 बजे से पहले 5 करोड़ रुपए जमा करने के दिये आदेश दिये हैं। साथ ही कोर्ट ने सख्ती से यह भी कहा है कि अगर सफाई के लिए रुपये जमा नहीं हुए तो शादी पर विचार करना पड़ेगा । अगर सफाई आयोजकों ने खुद की तो जमा राशि वापस होगी। उच्च न्यायालय ने यह भी पूछा है कि औली में शादी की इजाजत किसने दी है।
औली में दक्षिण अफ्रीका के निवासी गुप्ता परिवार की शादी को लेकर पिछले कुछ दिनों से तमाम पर्यावरण प्रेमी इसका विरोध कर रहे हैं। इस भव्य आयोजन जो कि 200 करोड़ की लागत से किया जाने वाला है। उसके पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव की आशंका जताई जा रही है।
क्या है पूरा मामला
दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के अरबपति कारोबारी गुप्ता बंधुओं के परिवार के सदस्य की चमोली जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र औली में शादी का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए कहा है कि शादी की अनुमति किसने दी। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी आज ही मौका मुआयना कर कल तक रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली संयुक्त पीठ ने हाईकोर्ट ने औली में शादी कराने के इस मामले में राज्य सरकार से आज ही अपराह्न दो बजे तक स्थिति साफ करने को कहा है। कोर्ट ने पूछा कि क्या वहां हेलीपैड बनाया गया है । कितने पेड़ काटे गए हैं औली में शादी करने की अनुमति किसने दी। यहां बता दें कि इस शादी में दो सौ करोड़ खर्च होना बताया जा रहा है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या पर्यावरण नुकसान के एवज में पांच करोड़ जमा कराए हैं या नहीं। काशीपुर निवासी रक्षित जोशी ने जनहित याचिका दायर की है। जिसमें हाईकोर्ट के पिछले साल के पारित आदेश को आधार बनाया है। साथ ही पर्यावरण मानकों का हवाला भी दिया गया है।
कौन हैं रक्षित जोशी
रक्षित जोशी काशीपुर के कुंडेश्वरी निवासी व काशीपुर बार के पूर्व अध्यक्ष उमेश जोशी एडवोकेट के पुत्र हैं। रक्षित जोशी खुद युवा अधिवक्ता हैं।