लेखपालों को मिला अरायजनवीस संघ का समर्थन
लेखपालों के कार्य बहिष्कार को अब अरायजनवीस संघ का भी समर्थन मिल गया है। उत्तराखंड लेखपाल संघ ने नायब तहसीलदार पद पर विभागीय पदोन्नति में संग्रह अमीन को 6% पदोन्नति कोटा निर्धारित करने के निर्णय की विरोध में आज छठे दिन भी 2 घंटे का कार्य बहिष्कार जारी रखा। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष ताराचंद घिल्डियाल ने धरना प्रदर्शन के दौरान कहा कि मंत्रिमंडल उपसमिति की 28 मई की बैठक में नायब तहसीलदार के पदों पर 6 प्रतिशत पदोन्नति कोटा संग्रह अमीन के लिए निर्धारित करने का निर्णय लिया है। जबकि उप समिति के द्वारा प्रभावित सेवा संघ को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। श्री घिल्डियाल का मानना है की उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा 1993 में तत्कालीन आयुक्त लखनऊ अरविंद वर्मा की कमेटी ने यह निर्णय लिया था कि संग्रह अमीन की नायाब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति की व्यवस्था को समाप्त किया जाता है। उत्तराखंड शासन के द्वारा भी 2009 में निर्णय लिया गया था कि संग्रह अमीन के कार्य भिन्न होने एवं वेतनमान पोषक संवर्ग के राजस्व निरीक्षक पब्लिक रजिस्ट्रार कानूनगो से निम्न होने के कारण उनको नायब तहसीलदार पद पर पदोन्नति नहीं दी जा सकती है। फरवरी 2014 में भी उत्तराखंड सरकार ने संग्रह अमीन की नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति के निर्णय को स्थगित किया था। श्री घिल्डियाल ने कहा सरकार संग्रह अमीन को सर्वप्रथम पटवारी के पद पर पदोन्नति दी जानी चाहिए ताकि अमीन संवर्ग को भी पदोन्नति के अवसर प्राप्त हो सके। सरकार अनुचित निर्णय लेकर संघों के बीच टकराव की स्थिति पैदा कर रही है। आज के कार्य बहिष्कार का अरायजनवीस संघ के अध्यक्ष इंद्र कुमार, संजय कनौजिया, फईम चौधरी, निशांत बिष्ट, राकेश गर्ग, रईस आलम, रवि राणा, राकेश कुमार शर्मा,राशिद खान, मोहम्मद अयूब, बार एसोसिएशन के अधिवक्ता पंकज सत्यवली ने भी समर्थन दिया है।