इन्द्रेश मैखुरी की कलम से
उत्तराखंड में भाजपा की ज़ीरो टॉलरेन्स वाली सरकार है।पिछले दिनों एक एस.डी.एम ने कहा कि केदारनाथ की सर्दी टॉलरेट नहीं हो सकेगी। यह सर्दी टॉलरेट करने से तो अच्छा है कि उसकी नौकरी ही ले ली जाए। फिर तुरंत ही इस्तीफे से कदम पीछे खींचते हुए गौरव चटवाल नाम वाले उक्त अफसर ने कहा कि इस्तीफे की बात तो उन्होंने मानसिक असंतुलन में लिख दी ! उनका दिमाग लिखना चाहता था- आकस्मिक अवकाश,लेकिन कलम ने लिख दिया-इस्तीफा।सोचिए-इन साहब बहादुर के दिमाग और कलम के बीच की यह दूरी कितने फरियादियों पर कहर ढा सकती है ! लेकिन जीरो टॉलरेन्स वाली सरकार समझ गयी कि यह प्यारा-दुलारा एस.डी.एम केदारनाथ पर रहना टॉलरेट नहीं कर सकेगा।इस लिए अब इस अफसर का ट्रांसफर कर दिया गया है-नैनीताल। ट्रांसफर के इच्छुक, इस गौरव चटवाल फॉर्मूले को भविष्य में आजमा कर देख सकते हैं।
जीरो टॉलरेन्स की सरकार का भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेन्स हो न हो,भ्रष्टाचार के आरोपियों के प्रति उसका फुल टॉलरेन्स है।इसलिए एन.एच.74मुआवजा घोटाले के आरोपी अफसर पहले गुपचुप तरीके से बहाल किये गए और अब वे पोस्टिंग भी पा गए हैं।
बाकी सरकार और भाजपा के तरकश में प्रणव सिंह चैंपियन जैसा तीर तो है ही,जो किसी को भी पीट सकता है, किसी को भी गोली मारने की धमकी दे सकता है, इसलिए सरकार के कारनामे चुपचाप देखिये,वरना गब्बर की तर्ज पर प्रणव सिंह चैंपियन आ जायेगा !