देश के लिए आज एक और दुखद खबर आयी है। वायुसेना के 13 जवानों की शहादत के रूप में। आज सुबह सर्च टीम उस स्थान पर पहुंची, जहाँ भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान जिस स्थल पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। सर्च टीम को इस स्थल पर किसी के जिंदा बचने के साक्ष्य नहीं मिले। विमान का मलबा जिस स्थान पर मिला वह घने जंगल के बीच है। वहां मलबा मिलने के स्थान पर कई पेड़ जले हुए पाये गये हैं। आशंका जताई जा रही है कि विमान के क्रैश होने के बाद लगी आग में पेड़ जल गये होंगे। वायुसेना ने एएन-32 विमान हादसे में शहीद हुए जवानों के नामों की पुष्टि भी कर दी है ।इस विमान हादसे में विंग कमांडर जीएम चार्ल्स, स्कवाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर थापा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट ए तंवर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मोहंती, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एमके गर्ग, वारंट ऑफिसर केके मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कॉरपोरल शेरिन, लीडिंग एयरक्राफ्ट मैन एसके सिंह, लीडिंग एयरक्राफ्ट मैन पंकज, नॉन कॉम्बैंटेट (ई) पुतली और नॉन कॉम्बैंटेट (सी) राजेश कुमार शामिल हैं। वायुसेना ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘भारतीय वायुसेना एएन-32 विमान हादसे में तीन जून 2019 को अपनी जान गंवाने वाले बहादुर एयर वॉरियर्स को श्रद्धांजलि देती है। दुख की इस घड़ी में हम पीड़ितों के परिवार के साथ खड़े हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।’ सभी शहीद जवानों के परिजनों को इसकी सूचना दी जा चुकी है। मंगलवार को विमान का मलबा पश्चिमी सियांग जिले में मिला था। इस विमान ने तीन जून को असम के जोरहाट से उड़ान भरी थी।
विमान का मलबा जिस स्थान पर मिला था वह अरुणाचल प्रदेश में एएन-32 के उड़ान मार्ग से करीब 15-20 किलोमीटर उत्तर की ओर है। वायुसेना ने बयान में कहा था कि 12,000 फीट पर एक छोटे से गांव लिपो के पास विमान का मलबा मिला है।लीपो गांव के घने जगंलों में विमान का मलबा मिलने के बाद वायुसेना ने इसकी तस्वीर जारी की थी।