@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो
कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे देश को एक अच्छे स्वास्थ्य तंत्र की जरूरत है। लेकिन हकीकत यह है कि स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों से कोसों दूर हैं। हम बात कर रहे हैं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हाइटेक सिटी नोएडा के गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं हाशिये पर हैं।
गांव वाले कोरोना के लक्षणों से मर रहे हैं और गांवों के स्वास्थ्य केंद्रों का बुरा हाल है। यहां के कई गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लगा है। कुछ में गोबर भरा हुआ हैं। नोएडा के दादरी के एक गांव लाहुरली के स्वास्थ्य केंद्र में जहां इस वक्त डॉक्टर को होना चाहिए, वहां गोबर के उपले भरे हैं। जिस कमरे में ऑक्सीजन और बेड होने चाहिए वहां जानवरों के खाने वाला भूसा भरा हुआ है।
इस बंद पड़े सामुदायिक केंद्र से ठीक 50 मीटर दूर 70 साल के हरवीर को कोरोना हुआ है। वे घर में ऑक्सीजन लगाकर स्वस्थ होने का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें न देखने वाला कोई डॉक्टर है न हीं उन्हें ऑक्सीमीटर उपलब्ध करवाया गया है। यहां से नज़दीकी अस्पताल 10 किलोमीटर दूर दादरी में है। गांव के सतीश ने बताया कि यहां 10,000 की जनसंख्या है। एक अस्पताल है वो भी बंद पड़ा है।

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