होर्डिंग से नदारद मुख्यमंत्री की फोटो ने गरमायी सियासत
वेद भदोला नई दिल्ली से
पिछले एक सप्ताह से मीडिया खासकर सोशल मीडिया पर उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। दिल्ली और देहरादून के राजनीतिक गलियारों से छनकर आ रही इन खबरों को अब राजनेता खुद ही महत्व दे रहे हैं। चर्चा तो यह थी कि अनिल बलूनी को नेतृत्व सौंपा जा सकता है। हालांकि बलूनी ने सोशल मीडिया के जरिये इन चर्चाओं को विराम देने का प्रयास किया था। लेकिन इधर पूर्व सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री रहे दिग्गज भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी ने मैं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूँ, कहकर थम रही चर्चाओं को फिर हवा दे दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के लगातार राजधानी दिल्ली में पड़े रहने से इन चर्चाओं को और बल मिल गया। कयासों के इस दौर में राज्य की राजनीति में हलचल मची हुई है। वहीं इन चर्चाओं के बीच बलूनी के मुख्यमंत्री बनने की संभावना व्यक्त करने वाले एक पत्रकार को मुख्यमंत्री रावत के ओ एस डी के एक रिश्तेदार द्वारा फोन पर मुख्यमंत्री बदले जाने की संभावनाओं वाली पोस्ट हटाने की सलाह रूपी धमकी देने से अब यह मामला और तूल पकड़ने लगा है। राजनीतिक समीक्षाएं और पत्रकारों द्वारा समय-समय पर इस तरह के कयास लगाए जाते रहे हैं। पर सीधे पत्रकार को फोन कर इस तरह से सलाह देना शायद पहली बार हो रहा है। वैसे राजनीति में सब कुछ संभव हो सकता है। बहरहाल ठंडा पड़ रहा यह मामला एक बार फिर गरमाने लगा है।उधर हल्द्वानी में एक होर्डिंग को लेकर एक बार सवाल उठ खड़ा हुआ है। इस होर्डिंग में भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की फोटो नहीं लगाई है जबकि अनिल बलूनी की फोटो को महत्व दिया है। इससे भी यह लगता है कि कहीं न कहीं कुछ तो है वैसे भी धुआं तभी उठता है जब आग सुलग रही होती है।