रामनगर। रचनात्मक शिक्षक मंडल की ओर से आयोजित पांच दिवसीय बाल थिएटर कार्यशाला आज विधिवत समापन हो गया ।एम पी इंटर कालेज के ओडीटीरियम में सम्पन्न समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी भास्करानंद पांडे ने इस प्रकार की बाल थिएटर कार्यशाला की प्रासंगिकता को बताते हुए इनको व्यापक स्तर पर आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया श्री पांडे ने अपने बचपन के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि अगर बच्चे को थिएटर से बचपन से ही जोड़ दिया जाए तो वह जहां एक और उसकी झिझक को समाप्त करता है वहीं दूसरी ओर उसका सर्वांगीण विकास भी होता है कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागी बच्चों द्वारा तीन ग्रुप बनाकर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया प्रख्यात निर्देशक लेखक विजया मूले को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके द्वारा लिखा गया गीत एक चिड़िया अनेक चिड़िया प्रस्तुत किया गया इस गीत में छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी भावपूर्ण भंगिमा से दर्शकों का मन मोह लिया। बच्चों की दूसरी टीम द्वारा प्रख्यात कवि वीरेन डंगवाल की कविता यह कैसा समाज रच डाला को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया गया।यह गीत में कवि समाज में बढ़ती काली ताकतों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ संघर्ष की वकालत करता है । राजकीय इंटर कॉलेज ढेला में प्रशिक्षण ले रहे बच्चों द्वारा जल जंगल जमीन के सवाल पर केंद्रित नाटक को प्रस्तुत किया गया इसमें गौरा देवी द्वारा रेणी चमोली से शुरू हुए आंदोलन की कथा को शुरुआत में प्रदर्शित करते हुए देशभर में चल रहे पर्यावरण संरक्षण के आंदोलनों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित कर नाटक का समापन किया गया ।झारखंडी समाज का प्रमुख गीत गांव छोड़ब नाही जंगल छोड़ब नाही माय माटी छोड़ब नाही लड़ाई छोड़ब नाही का प्रस्तुतीकरण किया गया ।70 से अधिक प्रतिभागी बच्चों की इन प्रस्तुतियों को उपस्थित उनके अभिभावकों वह दर्शकों ने काफी सराहा। प्रशिक्षण दे रही संगवारी दिल्ली द्वारा भी अनेक गीत प्रस्तुत किए गए आसाम के प्रवासी मजदूर के विस्थापन के दर्द को दुलाल माटी के गीत “चल रे मिनी आसाम जाबो” को गाया गया। इस गीत में मज़दूरों के शोषण और अपनी माटी से बिछुड़ने के दर्द को बहुत मार्मिक अंदाज़ में बयां किया गया है। इसके अतिरिक्त संगवारी की टीम द्वारा प्रख्यात कवि अवतार सिंह ‘पाश’ की कविता ‘हम लड़ेंगे साथी, चौरासी बंगले है रामा, गोरख पांडे के गीत नैया पार लगा गाने गाए गए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए शिक्षक मण्डल सयोजक ‘नवेन्दु मठपाल’ ने जानकारी दी कि भविष्य में इस प्रकार की और कार्यशालाएँ आयोजित करने के साथ साथ देश दुनिया की बेहतरीन फिल्मे दिखाने के कार्यक्रम को बृहद अभियान के रूप में चलाया जाएगा। इस मौके पर ‘नन्द राम आर्य, सुरेंद्र लाल सूरी, सुभाष गोला, प्रेम लता आर्य, वसीम अहमद, मोहम्मद तारिक़, घनश्याम ममगई, मुकेश छावड़ा,पुष्पा मठपाल, भगवती जोशी, हेम जोशी, नवीन पांडे आदि शामिल रहे।
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