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ग्लैमरस होती कवितायें साहित्य के लिए अच्छा संकेत नहीं

गीतकार कैलाश चंद्र यादव से एक संक्षिप्त भेंटवार्ता,व्यवसायिकता से गिरा साहित्य का स्तर 

शब्द दूत ब्यूरो

साहित्य के गिरते स्तर पर सच्चे साहित्यकार चिंतित हैं।  साहित्य समाज का दर्पण होता है लेकिन आज जो साहित्य देखने में आ रहा है वह किसी व्यक्ति विशेष के महिमामंडन तक सीमित हो गया है। जबकि समाज की विषमताओं पर साहित्यकार की कलम चलती आयी है। आज का साहित्य शायद ही बच्चों को प्रेरणा दे पा रहा है। कविताओं में महिमामंडन और अश्लीलता का पुट साहित्यकार के लिए बड़ा पीड़ादायक साबित हो रहा है। इन्हीं विषयों पर काशीपुर निवासी फ़िल्मी गीतकार कैलाश चन्द्र यादव से शब्द दूत की एक संक्षिप्त वार्ता हुयी जिसमें उन्होंने साहित्य के गिरते स्तर पर बेबाकी से अपनी पीड़ा व्यक्त की। भारत संचार निगम से सेवानिवृत कैलाश चंद्र यादव के अब तक नौ गीत संग्रह सपनों में तुम ,सनम तेरे प्यार में, साजन साजन ,ऐसे मौसम में ,याद आओगे तुम ,तुम पिया नहीं आये (विविध रचना संग्रह) ,मातृभूमि तुझे प्रणाम ,कौन कली मुस्काई ( बाल कविता – गीत संग्रह) ,चिठ्ठी आयी है (एक काल्पनिक मनो विशलेषण) प्रकाशित हो चुके हैं।  इसके अलावा पांच गीत संग्रह हिन्दी तुझे सौ सौ नमन , साजन मेरे साजन ,सिलसिले प्यार के ,सनम ये प्यार है , सच होंगे सपनेइस उपवन में ( समसामयिक लेखों का अद्भुत संग्रह). प्रकाशनाधीन हैं।एक गीतकार होने के साथ कैलाश यादव संगीतकार भी हैं। यू ट्यूब पर उनका अपना चैनल कैलाश चंद्र यादव काशीपुर के नाम से है जिसमें उनके गीत और संगीत को सुना जा सकता है। वादा नहीं करते सनम ,मुझे चूड़ी तो ला दे , लगती तुम हो चाँद चकोरी जानम, दिल तोड़ के न जइयो ,पिया तेरा नाम ( एल्बम शीर्षक गीत )के अलावा तुमसे प्यार करते हैं यार  खुद कैलाश चंद्र यादव की आवाज़ में है। आकाशवाणी रामपुर और नजीबाबाद से समय समय पर इनकी कवितायें प्रसारित होती रही हैं। वर्ष 2005 में भारत संचार श्री से सम्मानित कैलाश यादव वर्तमान में साहित्य दर्पण साहित्यिक संस्था काशीपुर में सरंक्षक मण्डल में हैं। .इण्टरनेशनल फिल्म एण्ड टेलीविजन क्लब का 2017 से सदस्य मनोनीत हैं .2018 में११ वे ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल में उन्हें आमंत्रित किया गया था। मुख्य रूप से श्रृंगार रस में लिखने वाले कैलाश चंद्र यादव को संगीत से लगाव है और वाद्य यंत्र बजाना अच्छा लगता है। संगीत वाद्ययन्त्र बेन्जो को कई वाद्य यन्त्रों की आवाज में जैसे गिटार सन्तूर बीन और बेन्जो को अलग स्टाइल से बजाने का अनुभव इसके अतिरिक्त भी अन्य वाद्ययन्त्रों जैसे कैसियो जैसे वाद्य यंत्रों को वह काफी पसंद करते हैं। 

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