नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पिछले दिनों पाकिस्तान के नेशनल डे पर लिखे गये शुभकामनाओं के पत्र ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में सकारात्मक पहल का असर दिखने लगा है।
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पत्र के जबाव में लिखे पत्र में कहा है कि जम्मू कश्मीर मुद्दा सहित दोनों देशों के बीच लंबित सभी मुद्दों का समाधान करने को लेकर सार्थक और नतीजे देने वाली वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है। दरअसल मोदी ने अपने पत्र में कहा था कि पाकिस्तान के साथ भारत सौहार्द्रपूर्ण संबंधों की आकांक्षा करता है, लेकिन विश्वास का वातावरण, आतंक और बैर रहित माहौल इसके लिए ‘अनिवार्य’ है। प्रधानमंत्री मोदी के पत्र के जवाब में खान ने उनका शुक्रिया अदा किया और कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण सहयोगी संबंध की आकांक्षा करते हैं। आतंक मुक्त माहौल पर खान ने कहा कि शांति तभी संभव है, यदि कश्मीर जैसे सभी लंबित मुद्दों का समाधान हो जाए।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुये सकारात्मक पत्र व्यवहार के नतीजे के फलस्वरूप अब पकिस्तान ने भारत के साथ पिछले 19 महीनों से बंद व्यापार को फिर से शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाने की पहल की है।
पाकिस्तान और भारत के बीच पैदा संबंधों के बीच अब पड़ोसी मुल्क ने भारत से व्यापार को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान की कैबिनेट की आर्थिक समन्वय की बैठक में यह फैसला लिया गया। फैसले के मुताबिक अब जून 2021 से दोनो देशों के बीच व्यापार शुरु किये जाने की मंजूरी दी गयी है।
बता दें कि पाकिस्तान के कपड़ा मंत्रालय ने भारत से आने वाले कपास और सूती धागे के आयात पर प्रतिबंध हटाने के लिए अपने देश की कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति से इजाजत मांगी थी। देश में कच्चे माल की कमी को देखते हुए यह मांग की गई थी।
जिसको लेकर अब कैबिनेट ने हिंदुस्तान से व्य़ापार को हरी झंडी दिखा दी। पहले से ही माना जा रहा था कि पाकिस्तान में चीनी की बढ़ती कीमतों और संकटों से जूझ रहे कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए पाकिस्तान की इमरान खान सरकार आज भारत के साथ व्यापार की फिर से शुरुआत कर सकती है।
गौरतलब है कि भारत में जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के बाद से दोनों देशों के बीच व्यापारिक लेन देन बंद था। उधर पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आने वाली सभी वस्तुओं पर 200 फीसदी शुल्क लगा दिया था। जिससे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर कुप्रभाव पड़ा था अब कपास और चीनी की किल्लत से पाकिस्तान में काफी मुश्किलें आ रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से लिखी गई चिट्ठी के बाद दोनों देशों की बीच की तल्खी कम हुई है।