हमारे व्यक्तित्व में हमारे बचपन के क्रियाकलापों का बहुत बड़ा योगदान होता है ,हम जो कुछ भी बचपन मे अच्छा या बुरा सीखते है उसका प्रभाव जीवनपर्यन्त हमारे व्यवहार में प्रतिबिंबित होता रहता है,एक बच्चा बचपन से ही अपना लक्ष्य बनाना शुरू कर देता है कि वह बड़ा होकर क्या बनेगा या उसे जीवन में क्या बनना है ।हर बच्चे में उसकी अलग प्रतिभा प्होती है जिसे पहचान कर विकसित करने का कर्तव्य अध्यापक का है अगर बच्चे की प्रतिभा को पहचान कर उसी अनुसार से कार्य करवाया जाए तो बच्चा जिंदगी में बहुत कुछ कर सकता है। माह के आखिरी शनिवार को विद्यालयों में प्रतिभा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस बच्चों की अभिरुचि के अनुसार क्रियाकलाप करवा कर उनकी प्रतिभा को विकसित करने में बहुत मददगार साबित हो रहा है। इससे विद्यार्थियों में विद्यालय के प्रति लगाव उत्पन्न हो रहा है तथा उन्हें अध्ययन के साथ साथ अपने में निहित कौशलों के विकास का भी अवसर प्रदान हो रहा है ।आज ,शनिवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला ,धौलादेवी, अल्मोड़ा के छात्रों ने अध्यापक संग मिल कर हर्षोल्लास व उत्साह से प्रतिभा दिवस यानी *नो बैग डे* का आयोजन किया और अपनी-अपनी रूचि और प्रतिभा अनुसार विभिन्न गतिविधियों मे प्रतिभाग किया , क्योंकि हमारी प्रतिबद्धता है कि सरकारी शिक्षा को गौरवमयी बनाया जाए व बच्चो की शिक्षा-दीक्षा मे गुणवत्ता आये जिससे उनका ज्ञान स्थाई रहे व वे विचारो का निर्माण कर सके। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु विद्यालय मे बच्चें अपनी रुचि और योग्यता अनुसार विभिन्न संघों (Club) में योगा क्लब, बागवानी क्लब , डांस क्लब , चित्रकारी क्लब , स्वरचित कहानी-कविता क्लब, नाट्य क्लब, इत्यादि कार्य करते हैं।
वैसे इस दिवस पर उन्हें *दीवार पत्रिका का संपादन* करना सबसे रुचिकर लगता है, चूँकि दीवार पत्रिका भाषा विकास का एक सशक्त उपागम है इसलिए इसमें अंग्रेजी भाषा के लिए भी प्रयोग करना प्रारंभ किया है।
विद्यालय के सहायक अध्यापक भास्कर जोशी ने बताया कि इसी क्रम में आज बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों मे प्रतिभाग करतें हुए *प्रतिभा दिवस* का सफल आयोजन किया और माह मई 2019 की *दीवार पत्रिका* , *मासिक बाल अखबार बजेला जागरण* का निर्माण किया ,इसके साथ साथ उन्होंने स्वयं में निहित रचनात्मकता का परिचय देते हुए कुमाऊं की प्रसिद्ध *ऐपण कला से समृद्ध लक्ष्मी चौकी और सरस्वती चौकी का निर्माण किया* कक्षा एक व दो के छात्रों को मोटर कौशलों के विकास के लिए *मिट्टी का कार्य* करवाया गया जिसमें उन्होंने विभिन्न प्रकार की आकृतियों का निर्माण किया, कक्षा 4 व 5 के छात्रों ने *भगवान कृष्ण के जीवन पर आधारित एक छोटी कहानी (मैया, मैं तौ चंद-खिलौना लैहौं)* का अंग्रेजी भाषा में मंचन किया अंत मे सभी बच्चों ने *चित्रकारी* का आनंद लिया।