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मौसम विभाग की चेतावनी, दक्षिण एवं मध्य भारत को छोड़कर देशभर में सामान्य से अधिक पड़ेगी गर्मी

@शब्द दूत ब्यूरो

नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मार्च से मई तक के अपने ग्रीष्मकालीन पूर्वानुमान में कहा कि उत्तर, पूर्वोत्तर तथा पूर्व एवं पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में दिन का तापामान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है। हालांकि, दक्षिण एवं उससे सटे मध्य भारत में दिन का तापमान सामान्य से कम रहने का अनुमान जताया गया है।

मौसम विभाग ने कहा, ‘आगामी ग्रीष्मकाल में (मार्च से मई तक) उत्तर, पश्चिमोत्तर और पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर उपसंभागों तथा मध्य भारत के पूर्वी एवं पश्चिमी भागों के कुछ उपसंभागों एवं उत्तरी प्रायद्वीप के कुछ तटीय उपसंभागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है।’ छत्तीसगढ़, ओड़िशा, गुजरात, तटीय महाराष्ट्र, गोवा एवं तटीय आंध्र प्रदेश में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।

आईएमडी ने कहा, ‘लेकिन दक्षिण प्रायद्वीप एवं समीपवर्ती मध्य भारत के अधिकतम उपसंभागों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।’

मौसम विभाग ने कहा कि हिमालय के तलहटी वाले क्षेत्रों, पूर्वोत्तर भारत, मध्य भारत के पश्चिमी हिस्से और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी हिस्से के साथ-साथ उत्तरी भारत के ज्यादातर भागों में रात का तापमान भी सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. आईएमडी ने कहा, ‘लेकिन, मध्य भारत के पूर्वी हिस्से के ज्यादातर उपंसभागों में और और देश के सुदूर उत्तरी हिस्सों के कुछ उपसंभागों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रह सकता है।’

मौसम विभाग ने कहा कि विषुवतीय प्रशांत क्षेत्र के ऊपर मध्यम ‘ला नीना’ की स्थिति बनी हुई है। वहीं, मध्य एवं पूर्वी विषुवतीय प्रशांत सागर के ऊपर समुद्री सतह का तामपान सामान्य से नीचे है। आईएमडी अप्रैल से जून तक के लिए दूसरा ग्रीष्मकाल पूर्वानुमान अप्रैल में जारी करेगा। मौसम विभाग के अनुसार देश में जनवरी न्यूनतम तापमान के लिहाज से 62 साल में सबसे अधिक गर्म महीना रहा।

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