टॉपर अनुप्रिया की कहानी
हरिमोहन
ये कहानी है अनुप्रिया बिष्ट की जिसके 10 में 98.4% आये है डायनेस्टी मॉडर्न गुरुकुल छिनकि खटीमा की होनहार छात्रा है ।.ये वो लड़की है जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम है । आज हम मा बाप अपने बच्चों के लिए सब कुछ देते है ट्यूशन समय और उसकी हर 1 जरूरत को पूरा करते है लेकिन अनुप्रिया की किस्मत इतनी अच्छी नहीं थी आज उसने लड़कियों में खटीमा टॉप किया ये उसकी अपनी मेहनत का फल है जिसको उसने सम्भव करके दिखाया । 15 साल की उम्र में घर का काम भाई को तैयार करना उसकी ये कहानी है अनुप्रिया बिष्ट की जिसके 10 में 98.4% आये है डायनेस्टी मॉडर्न गुरुकुल छिनकि खटीमा की होनहार छात्रा हैी बचपन मे जब छोटी थी भाई 8 महीने का था माँ चली गयी घर मे पापा बुड्ढे दादा दादी ओर अनुप्रिया उसका छोटा भाई रह गया । उसको उसने माँ और दीदी दोनों का प्यार दिया I
पापा की अलग दुनिया थी पी खा के मस्त
अनुप्रिया स्कूल जाने से पहले भाई को देखती ओर घर का काम करती थी घर की हालत सही नही है बुक्स से लेकर फीस तक स्कूल के मालिक धीरेंद्र भट्ट जी दे देते है।
15 साल की उम्र में घर का काम भाई को तैयार करना उसका बेग तैयार करना उसको अपने साथ स्कूल ले जाना होम वर्क करना सब करने के बाद अपनी पढ़ाई के लिए समय निकालना घर का काम खाना बनाना यही उसकी जिंदगी है
आज वो हम सब लोगो के लिए एक मिसाल है ।
उन अभिभावकों के लिए भी एक सन्देस जो ये समझते है कि ज्यादा किताबो से पढ़ने से ज्यादा नंबर आएंगे अपने बच्चों को अनुप्रिया जैसे बनाना है किसी भी परिस्थिति में अपने लग्न मेहनत से उस लक्ष्य को हासिल करना जो उसने किया ये सिखाना है बच्चों को i
10 के एग्जाम से कुछ दिन पहले उसके बीमार दादा जो कैंसर के मरीज थे उनकी मृत्यु हो गईं अब घर मे दादी छोटा भाई ओर अनुप्रिया 3 रह गए पापा लखनऊ चले गए 15 साल की बच्ची ने हिम्मत नही हारीI आर्थिक तंगी घर मे कोई सहारा नही फिर भी सबको सम्भालते हुए अपने काम मे लगी रही और आज सफल हुईI