चमोली। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की गोपेश्वर साहित्य परिषद् इकाई द्वारा “नेताजी सुभाषचन्द्र बोस” जयंती के अवसर पर गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर, राजस्थान के प्राध्यापक डॉ आशीष सिसौदिया ने सुभाष चन्द्र बोस से संबंधित साहित्य का वर्णन किया।
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा उन्नयन समिति, उत्तराखंड के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री) डॉ बहादुर सिंह बिष्ट ने कहा कि सुभाष जी के आदर्शों को आज की युवा पीढ़ी को अपने जीवन में उतारने और उनकी शिक्षा और व्यक्तित्व को युवाओं तक की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रदेश अध्यक्ष सुनील पाठक ने सुभाष चन्द्र बोस जी के विभिन्न पत्रों और जीवन की घटनाओं पर चर्चा की। वक्ता महेंद्र सिंह राणा ने कहा कि ब्रिटिश अपना ठहराव तब तक ही बना सकती थे, जब तक सेना उनके पास हो इसलिए सेना का गठन हम भारतीय भी करते हैं तो स्वाधीनता की ओर कदम बढ़ा सकते हैं, इस विचार के साथ सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिन्द फौज को मजबूत किया। जिला संयोजक हिमांशु थपलियाल ने आजाद हिन्द फौज और “बैंक ऑफ इंडिपैंडेंस” के गठन से उनकी मौत की रहस्यात्मक थियोरीज पर बात रखी। गोपेश्वर इकाई के महामंत्री ऋतिक सती ने सुभाष जी को सदैव याद रखने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम का संचालन इकाई अध्यक्ष शशि देवली ने किया। इस अवसर पर कमलकांत जोशी, कुशदीप सिंह, प्रदीप बिष्ट, विद्या साह, सौरभ पाण्डेय आदि मौजूद रहे।