नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नौ करोड़ रुपये का काला धन बैंक में खपाने वाले गौरव सिंघल को गिरफ्तार किया है। शाहदरा निवासी आरोपी ने नोटबंदी के बाद फर्जी दस्तावेज पर बैंकों में सात खाते खुलवा कर रुपये जमा करवाए थे। बाद में उसने सारे रुपये इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से निकाल लिए थे और अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही गौरव फरार था।
आर्थिक अपराध शाखा के ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. ओपी मिश्रा ने बताया कि इनकम टैक्स अधिकारी राजेश कुमार गुप्ता ने नोटबंदी के बाद फर्जी दस्तावेज पर खाते खोलकर नौ करोड़ रुपये काला धन बैंक में जमा करने की शिकायत पुलिस को दी थी। आरोपी ने बैंक खाता खोलने के लिए फर्जी पहचान पत्र, पैन कार्ड और अलग-अलग फोटो का इस्तेमाल किया था।
शिकायत के बाद वर्ष 2018 में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की तो पता चला कि खाते दो अलग-अलग योगेश कुमार और राहुल जैन के नाम से खुलवाए गए थे। सभी खातों में गौरव सिंघल का मोबाइल नंबर दिया गया था।
जांच में यह बात सामने आई कि उन खातों में जमा कराए गए रुपये आरोपी ने बाद में मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से निकाले लिए थे। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की। पुलिस के डर से आरोपी फरार हो गया। गौरव छिपकर ट्रांस-यमुना, रोहिणी व नोएडा इत्यादि इलाके में रह रहा था।
इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली कि वह अपने घर के समीप एक पीजी में रह रहा है। जिसके बाद पुलिस की टीम ने नवीन शाहदरा इलाके से 24 दिसंबर को गौरव को गिरफ्तार कर लिया।पूछताछ में पता चला कि आरोपी शुरआत में विश्वास नगर में केबल तार की कंपनी में सुपरवाइजर था। बाद में वह कुछ लोगों के संपर्क में आकर वैट और जीएसटी का फेक बिल बनाने लगा था।