चंडीगढ़। किसान आंदोलन की सरगर्मियों के बीच पंजाब कांग्रेस में जल्द ही बड़े बदलाव के संकेत हैं। पंजाब कांग्रेस के नए प्रभारी ओर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस संबंध में इशारा किया है। खबर है कि कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक ‘वनवास’ जल्द ही खत्म हो सकता है। रावत ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के भविष्य हैं। सिद्धू को चाहिए कि वह राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ मिलकर देश में लोकतांत्रित शक्तियों एकजुट करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सिद्धू न सिर्फ पार्टी गतिविधियों में सक्रिय होंगे बल्कि लीड भी करेंगे।
हरीश रावत का यह बयान पंजाब कांग्रेस में आने वाले बदलाव की तरफ इशारा कर रहा है। हरीश रावत ने यह भी कहा कि वह लगातार सिद्धू के संपर्क में है। बता दें सिद्धू काफी समय से पंजाब कांग्रेस की गतिविधियों से अलग-थलग हैं। केंद्र सरकार के नए कृषि कानून को लेकर भी सिद्धू ने अमृतसर और धूरी में धरने तो दिए लेकिन वह कांग्रेस के मंच से बिल्कुल अलग रहे।
पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि सिद्धू ग्रेजुएशन करके राजनीति में आए हैं और मैं प्राइमरी पढ़ कर राजनीति में आया। मुझे भी तो कुछ हुनर दिखाने का मौका मिलना चाहिए। सिद्धू पंजाब की भी सेवा करेंगे और देश की भी। रावत ने कहा कि सिद्धू और मेरा लक्ष्य एक ही है। पंजाब को आगे लेकर जाना।
वहीं, 2022 में क्या कैप्टन ही कांग्रेस का चेहरा होंगे, इस सवाल पर रावत ने स्पष्ट जवाब न देते हुए कहा कि कुछ चीजों का निर्णय व्यक्ति को खुद करना होता है। कैप्टन तो कैप्टन हैं, वह जन्म से ही कैप्टन हैं। उनके अनुभव की जरूरत पंजाब को भी है और देश को भी। अहम बात यह है कि हरीश रावत ने ऐसा बयान उस समय दिया है जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह 2022 में हाेनेवाले विधानसभा चुनाव में पुन: मैदान में उतरने के संकेत दे रहे हैं।
गौरतलब है कि सिद्धू का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ ही विवाद है। पुलवामा हमले के बाद विधानसभा में कैप्टन ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही थी तो सिद्धू ने कहा था कि किसी एक के गलती के लिए पूरे मुल्क (पाकिस्तान) को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इसके बाद से ही दोनों नेताओं में नाराजगी बढ़ती चली गई।
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह से विवाद के कारण ही नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। जुबानी जंग के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू का विभाग बदल दिया था और उनसे स्थानीय निकाय विभाग वापस लेकर बिजली विभाग दे दिया था। सिद्धू ने अपने नए विभाग का कार्यभार काफी दिनों तक नहीं संभाला था और बाद में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह सियासी ‘एकांतवास’ में चले गए।