वाराणसी। यहां के 28 चिकित्सा अधिकारियों ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। यह सभी अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के प्रभारी हैं। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में इस्तीफे की खबर मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।अब इन सभी चिकित्सा अधिकारियों की मान मनौव्वल की जा रही है।
सामूहिक इस्तीफे में लिखा गया है कि 9 अगस्त को सहायक नोडल ऑफिसर/डिप्टी कलेक्टर ने प्रभारी चिकित्साधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए कोविड-19 के दौरान किये गए कार्यों को अपर्याप्त बताया है। नोटिस से सभी प्रभारियों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। टारगेट पूरा न होने पर आपराधिक कृत करार देना और मुकदमा दायर करने की धमकी दी जा रही है। इतने मानसिक दबाव में कैसे कार्य किया जा सकता है।
इससे पहले कोरोना योद्धा और जिले के एडिशनल सीएमओ डॉ. जंगबहादुर की मंगलवार देर रात बीएचयू के कोविड हॉस्पिटल में मृत्यु हो गयी। डॉ. जंगबहादुर को कोरोना पॉज़िटिव आने पर गैलेक्सी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जहां दो दिन पहले लिया गया उनका सैम्पल निगेटिव आया था। लेकिन दोबारा की गयी जांच में देर रात उनकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी और उन्हें गंभीर अवस्था में गैलेक्सी से बीएचयू में आईसीयू में शिफ्ट किया गया था, जहां उनकी मौत हो गयी।