
नैनीताल। सतपाल महाराज के मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नियमों के उल्लंघन का नोटिस जारी करते हुए पूछा कि जब आम लोगों पर आइपीसी की धारा 188, 307 समेत अन्य धाराओं में मुकदमा किया जा रहा है तो इनको क्यों बचाया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को जबाव दाखिल करने का आदेश दिया। मामला क्वारंटाइन नियमों के उल्लंघन का है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंत्री के साथ ही राज्य सरकार, डीएम व एसएसपी देहरादून को भी नोटिस जारी कर तीन हफ्तों में जवाब देने का आदेश दिया है।
न्यायालय ने कहा कि कहीं संवैधानिक पद पर होने के चलते तो सरकार इनको बचाना चाहती है। बता दें कि विगत 20 मई को मंत्री सतपाल महाराज के घर पर सभी लोगों को होम क्वारंटीन का नोटिस चस्पा किया था, जिसकी अवधि तीन जून तक थी। लेकिन इसके बाद महाराज ने बिना किसी को क्वारन्टीन की जानकारी के 21 मई को कैबिनेट बैठक में हिस्सा लिया तो 25 से 27 मई तक अपनी विधानसभा में भ्रमण करते रहे।
देहरादून के उमेश कुमार ने जनहित याचिका दाखिल कर मंत्री पर भी एफआइआर दर्ज करने की मांग है। जिसमें उन्होंने कहा कि जब आम नागरिकों पर क्वारंटीन नियमों के उल्लंघन में मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं तो महाराज का क्यों कार्रवाई नहीं हो रही है।
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