@शब्द दूत ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों और उनके गृह राज्यों के बीच परिवहन को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जिसके तहत राज्य प्रभारी अधिकारियों को चिह्नित करेगा और प्रवासियों को भेजने या लाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करेगा। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने संशोधित एसओपी जारी करते हुए कहा कि श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां चलाने की अनुमति रेलवे मंत्रालय, गृह मंत्रालय के साथ परामर्श कर देगा।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी इस एसओपी में कहा गया है कि राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को प्रभारी अधिकारियों को नामित करना होगा और ऐसे फंसे हुए लोगों को भेजने या उनके आने पर जरूरी इंतजाम करने होंगे। हालांकि, रेल मंत्रालय द्वारा दो मई को ‘श्रमिक’ स्पेशल ट्रेनों के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि, “जिस राज्य से प्रवासी चलेंगे उस राज्य को जिस राज्य में प्रवासी लौटना चाहते हैं उसकी सहमति लेनी होगी और ट्रेन के प्रस्थान से पहले इसकी एक प्रति रेलवे को उपलब्ध करानी होगी।” रेलवे प्रवक्ता राजेश वाजपेयी ने कहा कि “विशेष श्रमिक ट्रेनों को चलाने के लिए राज्य की सहमति जरूरी नहीं है।
संशोधित एसओपी के मुताबिक गंतव्य और रुकने वाले स्टेशन समेत ट्रेनों की समय-सारिणी पर अंतिम फैसला रेल मंत्रालय करेगा और वह इसकी जानकारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देगा ताकि ऐसे फंसे हुए मजदूरों को भेजने या लाने के लिए जरूरी प्रबंध किए जा सकें। अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्रालय प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों का ज्यादा से ज्यादा स्थानों पर रुकना सुनिश्चित करेगा। इसमें कहा गया कि ट्रेनों की समय-सारिणी, यात्रियों के प्रवेश और आवाजाही के लिए प्रोटोकॉल, ट्रेन के डिब्बों में दी जाने वाली सेवाएं और टिकट की बुकिंग के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पास मौजूद व्यवस्था का रेल मंत्रालय प्रचार करे।
एसओपी के अनुसार, भेजने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश तथा रेल मंत्रालय सुनिश्चित करे कि सभी यात्रियों की अनिवार्य रूप से जांच की जाए और केवल बिना लक्षण वाले यात्रियों को ही ट्रेन में सवार होने दिया जाए। ट्रेन में सवार होने और सफर के दौरान, सभी यात्रियों को सामाजिक दूरी का ध्यान रखना होगा. एसओपी में कहा गया कि आगमन पर यात्रियों को गंतव्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे एक अलग पत्र में उनसे प्रवासी मजदूरों को लाने-ले जाने के लिए रेलवे के साथ करीबी समन्वय करने को कहा गया है। साथ ही महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की खास नसीहत दी गई है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रशासनों को भेजे पत्र में कहा कि फंसे हुए कर्मियों के घर लौटने की सबसे बड़ी वजह कोविड-19 का खतरा और आजीविका गंवाने की आशंका है। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘प्रवासी मजदूरों की चिंताओं को दूर करने के क्रम में, अगर निम्न कदमों को लागू किया जाता है तो मैं आभारी रहूंगा. ”गृह सचिव ने सुझाव दिया कि राज्यों एवं रेल मंत्रालय के बीच सक्रिय समन्वय के माध्यम से और विशेष रेलगाड़ियों का प्रबंध किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि साफ-सफाई, भोजन एवं स्वास्थ्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ठहरने की जगहों की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।