@शब्द दूत ब्यूरो
नई दिल्ली। अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ 90.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का सौदा करने के बाद भारत ने अपनी नौसेना के लिए 24 अत्याधुनिक एन्टी-सबमरीन (पनडुब्बी-रोधी) युद्धक हेलीकॉप्टर हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के पास मौजूद इंग्लैंड से वर्ष 1971 में हासिल किए गए पुरानी तकनीक वाले सी किंग हेलीकॉप्टरों का स्थान लेने के लिए आ रहे एमएच-60आर (MH-60R) हेलीकॉप्टर हिन्द महासागर क्षेत्र में चीनी और पाकिस्तानी पनडुब्बियों और युद्धपोतों को ढूंढने और उन्हें उलझाने के लिए लाए जा रहे हैं।
जिस समझौते पर दस्तखत किए गए हैं, वह उस 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर के उस पैकेज का आधा भी नहीं है, जिसकी घोषणा अमेरिकी विदेश विभाग ने अप्रैल, 2019 में की थी। इस पैकेज में चॉपर, उनके सेंसरों और कम्युनिकेशन सिस्टम के साथ-साथ पोतों को निशाना बनाने में सक्षम हेलफायर मिसाइलों, एमके 54 टॉरपीडो तथा प्रिसिज़न स्ट्राइक रॉकेट सिस्टम सहित कई अस्त्र प्रणालियों की कीमत भी शामिल है।
इन हेलीकॉप्टरों के ज़रिये नॉर्वेजियन कंपनी कॉन्ग्सबर्ग डिफेंस एंड एयरोस्पेस द्वारा विकसित की गई एनएसएम यानि नेवल स्ट्राइक मिसाइल (NSM) को भी दागा जा सकता है। एनएसएम किसी युद्धपोत को 185 किलोमीटर की रेंज से उलझा सकती हैं। भारत मूल पैकेज में एनएसएम (NSM) ट्रेनिंग मिसाइल की भी उम्मीद कर रहा था, ताकि मिसाइल सिस्टम का सौदा भी किया जा सके।
जानकारी के मुताबिक, पैकेज को लेकर चर्चा जारी है, जिसमें फिलहाल उन अस्त्रों तथा सेंसरों को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, जो भारतीय नौसेना को हेलीकॉप्टरों के साथ हासिल होंगे।