काशीपुर । लोग कोरोना वारियर्स के रूप में सम्मानित हो रहे हैं। लेकिन काशीपुर का लक्ष्मण दत्त भट्ट राजकीय चिकित्सालय लगता है कोरोना महामारी से सबक नहीं ले रहा है। सोशल डिस्टेंस के मानकों की यहाँ धज्जियाँ उड़ रही हैं। आज यहाँ जो नजारा देखने को मिला उससे लगा कि जिस स्वास्थ्य विभाग के कंधों पर कोरोना से लड़ने की असली जिम्मेदारी है वही विभाग यहाँ काशीपुर में असफल नजर आ रहा है।
उधर यहाँ आईसीयू यूनिट के लिए मशीनें तो पहुंच गई है लेकिन अभी आईसीयू यूनिट तैयार ही नहीं हो पाया है। एक करोड़ रुपये की मशीनें यहां आई है। लेकिन सवाल यह है कि इन मशीनों को इंस्टाल करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञ नहीं आ पा रहा है। शब्द दूत की टीम ने काशीपुर राजकीय चिकित्सालय में जो देखा वह हैरान करने वाला था। भारी भीड़ और बिना मास्क के वहाँ लोग दिखाई दिये। आईसीयू के कमरे को तैयार कर रहे मजदूर बगैर मास्क के काम में लगे हुए थे। हालांकि शब्द दूत की टीम को देखकर वहाँ मौजूद चिकित्सालय स्टाफ के कर्मचारी ने मजदूर को मास्क लगाने के कहा।
चिकित्सालय के प्रसूति केंद्र में टीकाकरण के लिए आई भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों को तार तार कर रही थी। लेकिन वहाँ पर उन्हें नियंत्रित करने के लिए कोई मौजूद नहीं था। शब्द दूत जब इस नजारे को कैमरे में कैद करने लगा तो एक गार्ड जो बैठा हुआ था एकाएक उठ खड़ा हुआ और लोगों को दूर दूर खड़े करने की कोशिश में लग गया।
राजकीय चिकित्सालय के चिकित्साधीक्षक से शब्द दूत ने जब इस बारे में उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्होंने अपने गार्ड से कह दिया कि अभी वह बिजी हैं। हालांकि थोड़ी देर बाद वह उठकर अपने कार्यालय से चले गये। इसलिए इस बारे में उनसे बात नहीं हो पाई।
कुल मिलाकर काशीपुर के राजकीय चिकित्सालय में कोविड-19 के खतरे को लेकर कोई विशेष तैयारी नजर नहीं आई। अलबत्ता पूरे अस्पताल में एनाउंसमेंट लगातार चल रहा है। पर क्या ऐसे ही कोविड-19 से लड़ेगा काशीपुर का राजकीय चिकित्सालय?