नई दिल्ली। तड़के चार बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन न देने पर जबाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। ट्रंप की चेतावनी के छह घंटे बाद भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात की स्वीकृति दे दी। मोदी सरकार ने आज कहा कि कुछ देशों में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा का निर्यात किया जाएगा। हालांकि,लेकिन देश की जरूरतों को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता रहेगी। वहीं इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि अन्य देश में कितने केस हैं।
गौरतलब है कि आज तड़के 4 बजे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने धमकी देते हुए कहा था कि अगर भारत उनके व्यक्तिगत आग्रह के बावजूद दवा नहीं भेजता तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन भारत में मलेरिया के इलाज की पुरानी और सस्ती दवा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच देश के स्वास्थ्यकर्मी यह दवा एंटी-वायरल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके चलते सरकार ने पिछले महीने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। उधर नासा के वैज्ञानिकों ने भी मलेरिया निरोधक हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को कोरोना से लड़ने में कारगर बताया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ बेहतर सबंध कायम रखे हुए हैं। ऐसे में मानवीय आधार पर जरूरतमंद देशों को आवश्यक दवाओं का निर्यात किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कि कोरोना संकट के दौरान भारत मे रह रहे विदेशियों को उनके देश भिजवाया गया।