देहरादून। सरकारी आदेश में पत्रकारों और बैंक कर्मियों को बीमा कवर नहीं दिया गया है। बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान कार्यरत लोगों को बीमा कवर दिया गया है। लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने जो आदेश जारी किया है उसमें पत्रकार और बैंक कर्मियों का ज़िक्र नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या नियमित रूप से अपने काम पर लगे बैंक कर्मियों और पत्रकारों को कोरोना से कोई खतरा नहीं है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना संकट के दौरान भी नियमित तौर पर काम करने वालों को बीमा कवर देने का ऐलान किया है। इसी के आधार पर शासन स्तर से आदेश जारी कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन की ओर से पुलिस महानिदेशक, सचिव शहरी विकास, महिला एवं बाल विकास, पर्यटन और आपदा प्रबंधन विभाग को एक आदेश भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि पुलिस, आंगनवाड़ी, सफाई, पर्यटन और राज्य आपदा एवं राज्य आपातकेंद्रों के कर्मी अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। कोरोना वायरस से उत्पन्न जोखिम में भी राहत कार्य करने पर इन्हें बीमा कवर देने की फैसला किया गया है। लिहाजा निर्धारित प्रोफार्मा पर इनकी सूचनाएं दी जाएं।
अहम बात यह है कि संकट के इस दौर में मीडिया और बैंक कर्मी भी निरंतर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। इन्हें सरकार की ओर से मीडिया कवर नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं, मीडिया कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री ने घोषणा भी की है। यह अलग बात है कि बैंक कर्मियों के बारे में सीएम भी मौन रहे। एक तरह जिला प्रशासन बैंक कर्मियों के कामकाज का समय तय कर रहा है, वहीं दूसरी ओर इन्हें बीमा कवर देने की बात भी नहीं की जा रही है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या बैंक और मीडिया कर्मियों को कोरोना वायरस से कोई खतरा नहीं हैं।