नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। चीन ने कहा है कि वह कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज को वेंटिलेटर बनाने के लिए भारत की मदद को तैयार है लेकिन कंपनियों को इसके लिए जरूरी पार्ट्स चाहिए और इसकी वजह से प्रोडक्शन प्रभावित होगा। चीनी वेंटिलेटर के निर्माता कहते हैं कि वेंटिलेटर का निर्माण फिलहाल के लिए आसान नहीं है क्योंकि उन्हें भी इसके लिए जरूरी पार्ट्स चाहिए होंगे। चीनी मीडिया ने रिपोर्ट की है कि भारत ने चीन समेत कई देशों से वेंटिलेटर व अन्य जरूरी मेडिकल उत्पादों के लिए संपर्क साधा है।
इसी साल जनवरी में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारत ने चीन से मेडिकल से जुड़ा सामान भारत लाने में बैन में छूट दी है। फरवरी में भारत की ओर से 15 टन स्वास्थ्य संबंधी उत्पाद चीन भेजे गए थे। चीनी विदेश मंत्री की प्रवक्ता हुआ चूनयिंग ने कहा, ‘चीन भारत के लिए वेंटिलेटर बनाने में मदद करेगा. जैसा कि हम जानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत भी इस बीमारी से लड़ रहा है और इसे हराने के लिए प्रतिबद्ध है. हम भारत के साथ अपना अनुभव साझा करने और भरपूर मदद करने के लिए तैयार हैं।’
हुआ चूनयिंग ने आगे कहा, ‘दुनियाभर से वेंटिलेटर की जबरदस्त मांग उठ रही है। चीन पर भी इस बीमारी से उभरने का दबाव है। एक वेंटिलेटर में 1000 से ज्यादा पार्ट्स लगते हैं जो अलग-अलग राज्यों, यूरोप व अन्य देशों में बनते हैं। इसलिए कम समय में वेंटिलेटर का व्यापक स्तर पर प्रोडक्शन आसान नहीं है। ये काफी मुश्किल भरा है लेकिन चीनी कंपनियां बिना रुके इसके लिए काम कर रही हैं. साफ कहें तो हम भारत की मदद के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।’
चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, 19 मार्च से लेकर अभी तक चीन ने 1700 वेंटिलेटर अलग-अलग देशों में भिजवाए हैं। इस समय चीन में 21 कंपनियां वेंटिलेटर बनाती हैं और एक हफ्ते में 2200 यूनिट बनाई जाती हैं। दुनियाभर में इसके निर्माण का 20 फीसदी अकेले चीन बनाता है। चीनी कंपनियों को अभी तक 20 हजार वेंटिलेटर का ऑर्डर मिल चुका है। हर रोज नए ऑर्डर के लिए अलग-अलग देश चीनी कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं।