देहरादून । लॉक डाउन को लेकर आम जन के मन में कई प्रश्न हैं। लॉक डाउन का मतलब क्या है और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस संबंध में क्या निर्देश दिये हैं?
राज्य की सभी सीमायें इस दौरान सील रहेंगी। आवश्यक वस्तुओं को लाने वाले वाहनों को इससे अलग रखा गया है। यानि ऐसे वाहनों को अनुमति के बाद प्रवेश मिलेगा। उपभोग की वस्तुएं जैसे कि खाद्यान्न दवाई पेट्रोल-डीजल फल सब्जियों की दुकानें अस्पताल अनिवार्य रूप से खुले रहेंगे। वहीं राज्य में बाहरी प्रदेशों या विदेश से आने वाले लोगों को होम क्वांरटाइन में ही रहना होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। सार्वजनिक यातायात की सुविधा नहीं मिलेगी। अलबत्ता अस्पताल आने-जाने के लिए यातायात का साधन उपयोग में लिया जा सकेगा। सभी दुकानें व व्यापारिक प्रतिष्ठान कार्यालय फैक्ट्री वर्कशॉप गोदाम बंद रहेंगे।
इस दौरान कानून व्यवस्था से संबंधित प्रतिष्ठान पुलिस चिकित्सा, स्वास्थ्य, अर्बन, स्थानीय निकाय फायर सर्विस बिजली-पानी बैंक/ एटीएम, पोस्टल, टेलीकॉम, पेट्रोल पंप, एलपीजी, डेरी, दवाइयां आदि सेवाएं प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने स्पष्ट निर्देशों में कहा है कि लॉक डाउन के दौरान यदि कोई भी व्यक्ति इस का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी लॉक डाउन के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।
कोरोना के प्रभावी नियंत्रण के कार्यों से संबंधित निजी इकाइयों और संस्थानों को इस दौरान कार्य करने की अनुमति रहेगी। अन्य आवश्यक सेवाओं के बारे में जिला अधिकारी अपने स्तर पर निर्णय ले सकते हैं। लाॅकडाउन को प्रभावी बनाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट पुलिस अधीक्षक एडीएम एसडीएम तहसीलदार और शहरी निकायों के अधिशासी अधिकारियों को अधिकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि लॉक डाउन के दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर आम जनमानस में भय का वातावरण बनाने की कोशिश न की जायें। वर्तमान आपात स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंश) सिद्धांत सबसे अधिक प्रभावी उपाय है। जिसमे लॉक डाउन एकमात्र विकल्प है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को सरकार के साथ सहयोग देना होगा।