नैनीताल । चौकी इंचार्ज को रिश्वत देने के आरोप में नैनीताल की भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने पांच वर्षों की सजा सुनाई है। आरोपियों ने शराब कारोबार करने के एवज में चौकी इंचार्ज को चालीस हजार रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की थी।
चार वर्ष पूर्व हल्द्वानी के ट्रांसपोर्ट नगर चौकी इंचार्ज पद पर तैनात इंस्पैक्टर रजत कसाना को दो व्यक्तियों रामेश्वर सिंह तथा ज्ञानेन्द्र कुमार ओझा ने होली के अवसर पर शराब का कारोबार करने के लिए चालीस हजार रुपये की रिश्वत की पेशकश की। जिस पर चौकी इंचार्ज रजत कसाना ने दोनों के विरूद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत सरकारी कर्मचारी को रिश्वत देने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया। खास बात यह है कि यह अपने आप में अनोखा मामामला है, अक्सर किसी सरकारी कर्मचारी को ही रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाता है।
यहाँ बता दें कि रजत कसाना को ईमानदारी के लिए राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है।
अभियोजन पक्ष ने अपना पक्ष मजबूती से रखते हुए दोनों आरोपियों के विरूद्ध साक्ष्य रखे। जिनस संतुष्ट होते हुए एंटी करप्शन अदालत ने दोनों अभियुक्तों को पांच वर्षों का कारावास तथा पांच पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोनों को दो दो माह जेल में और रहना पड़ेगा। आदेश में कहा गया है कि इस दौरान जेल में बितायी गई अवधि भी इस सजा में समायोजित की जायेगी।