देहरादून । कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर फैलायी जा रही भ्रांतियों पर प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डा अमिता उप्रेती ने कहा है कि राज्य में अभी तक केवल एक ही पॉजिटिव केस सामने आया है। कोरोना प्रभावित आईएफएस अधिकारी की हाल में भी सुधार आया है।
देश में कोरोना वायरस को लेकर चार चरण बताये गये हैं। जिसमें पहले चरण में उन लोगों को रखा गया है जो विदेश यात्रा करके आये हैं। और उसमें भी उन्हें जो कि कोरोना प्रभावित देशों से आ रहे हैं। इन पहले चरण वालों से जिन लोगों को संक्रमण फैला है उन्हें दूसरे चरण में रखा गया है। ऐसे लोगों में प्रभावित के परिजन मित्र या उनके संपर्क में आये लोग हो सकते हैं। जैसे रेल, मेट्रो, टैक्सी या लिफ्ट के जरिए, इत्यादि की यात्रा के दौरान इनसे मिलने या संपर्क में आने वाले लोग हो सकते हैं।
सबसे बड़ी समस्या तीसरे चरण में है। इसमें यह पता लगाना मुश्किल ही नहीं असंभव कि संक्रमित व्यक्ति को यह संक्रमण कहाँ से फैला है। दरअसल इस चरण में लोगों के बीच जाने-अनजाने यह संक्रमण फैलना शुरू होता है। मसलन: विदेश से आने वाले संक्रमित व्यक्ति से प्रभावित हुए परिजनों द्वारा अन्य तक इस संक्रमण का पहुंचना।आखिरी और खतरनाक चौथा चरण का मतलब है महामारी। इस चरण में यह महामारी का रूप धारण कर लेता है। इसके बाद के पांचवे और छठे चरण में स्थिति काफी भयावह हो जाती है। चीन, इटली और यूरोप इससे जूझ रहे हैं।
भारत में अभी राहत की बात यह है कि अन्य देशों के मुकाबले यहाँ की स्थिति नियंत्रण में है। हम अभी इसके दूसरे चरण में हैं। यदि हम अभी थोड़ी सी सतर्कता बरतेंगे तो इसे स्थिति को काबू में किया जा सकता है वरना इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।