काशीपुर । शहर में करीब दो दर्जन से अधिक मकान जर्जर हो चुके हैं। इनमें से कई मकान तो ऐसे हैं जिनमें आज भी लोग रह रहे हैं। इससे बारिश के मौसम में इन मकानों के गिरने की आशंका नजर आ रही है, लोगों का कहना है कि यदि यह जर्जर मकान धराशायी हो गए तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
बता दें कि आज ही काशीपुर में एक मकान की छत गिरने से एक 13 वर्ष के बालक की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। मुख्य नगर आयुक्त बंशीधर तिवारी ने शब्द दूत को बताया कि जर्जर मकानों की कोई सूची फिलहाल निगम के पास उपलब्ध नहीं है हालांकि श्री तिवारी ने कहा कि निगम के पास इसकी सूची होनी चाहिए।
मकानों की छोड़िये नई बस्ती स्थित सीतापुर आंखों का अस्पताल जैसा सार्वजनिक भवन अपने आप में जीता जागता उदाहरण है जहां सीतापुर ट्रस्ट व प्रशासन को एक बड़ी दुर्घटना का इंतजार है। यह विशाल इमारत इतन जजर्जर हालत में है कि कभी भी कोई गंभीर दुर्घटना हो सकती है। इस इमारत की हालत के लिये प्रशासन से ज्यादा संबंधित ट्रस्ट जिम्मेदार है।