@विनोद भगत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जब गैरसैंण स्थित विधान भवन में ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा की तो उनकी बॉडी लैंग्वेज अलग ही कहानी कह रही थी। ऐसा लग रहा था कि वह सरकार की इस घोषणा से विपक्ष को बहुत बड़ी मात देने जा रहे हैं। चेहरे पर चमक और गजब के आत्मविश्वास से लवरेज त्रिवेंद्र बड़े उत्साह के साथ सदन में यह घोषणा कर रहे थे। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के इस निर्णय पर कांग्रेस समेत अन्य दल भाकपा माले व उक्रांद हमलावर नजर आये।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य के लोगों की सरकार से तमाम अपेक्षायें हैं। आगे जैसे ही यह कहा कि हम राज्य के लोगों की भावनाओं के अनुरूप आज गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर रहे हैं। उनके यह कहते ही सत्ता पक्ष की ओर से सदन में तालियां बज उठी। इस दौरान विपक्ष एकाएक वहाँ सदन में प्रतिक्रिया करने में चूक गया। दरअसल विपक्ष को इस घोषणा की आशा नहीं थी। एक तरह से मुख्यमंत्री ने विपक्ष को सरप्राइज़ दे दिया। विपक्ष शायद इसके लिए तैयार नहीं था।
सदन के बाहर इस निर्णय को लेकर सरकार को विपक्षी दल घेरते नजर आये। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस ही स्थायी राजधानी की राज्य के लोगों की मांग पूरी करेगी। रावत कहते हैं कि देहरादून पहले से ही अस्थायी राजधानी है अब गैरसैंण दूसरी अस्थायी राजधानी बन गई। हरीश रावत ने कहा कि आखिर उत्तराखंड की राजधानी है कहाँ? ये सवाल आज भी खड़ा है। उन्होंने कहा कि राजधानी तो कांग्रेस ही बनायेगी।