काशीपुर । युवती की हत्या के आरोप में मां और भाई दोषी करार दिए गए जबकि एक अन्य भाई को संदेह के लाभ में बरी कर दिया गया। सजा के प्रश्न पर 12 मार्च को सुनवाई होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक हल्द्वानी के इंदिरा नगर निवासी रुखसार ने काशीपुर कोतवाली में 23 मई 2015 को दी गई तहरीर में कहा था कि उसका मायका मौहल्ला लक्ष्मीपुर पट्टी में है। मायके में मां भूरी, भाई आरिफ, हारुन व छोटी बहन शबाना, साहिबा एक ही मकान में रहते है। एक भाई नाजिम पड़ोस में किराये के मकान में रहता है। तहरीर में कहा था कि आरिफ, नाजिम और मां भूरी छोटी बहन साहिबा को मेरे यहां आने-जाने तथा बातचीत करने से रोकते थे।
नौ मई 2015 को उसकी छोटी बहन शबाना उसके पास हल्द्वानी आ गई। एक सप्ताह तक शबाना उसके साथ ही रही उसके बाद वह शबाना को काशीपुर वापस छोड़ने आई तो उसने साहिबा कोो घर पर नहीं देखा। परिजनों ने बताया कि वह घर से चली गई। 23 मई 2015 को जब वह दोबारा काशीपुर आई तो उसे तब भी साहिबा घर में नहीं दिखाई दीी तो उसका शक गहरा हो गया। घर में भी अजीब सी दुर्गंध आ रही थी। मां भूरी के जाने के बाद उसने घर का आंगन, जहां से दुर्गंध आ रही थी, खोदना शुरू किया तो बहन साहिबा का मिट्टी में दबा हाथ दिखाई दिया। इसकी सूचना उसने पड़ोसियों के साथ ही पुलिस को दी।
खुदाई करने पर बहन साहिबा का सड़ा-गला शव बरामद हुआ। इसके बाद उसका भाई आरिफ, नाजिम तथा मां भूरी भी फरार हो गये। उसने तीनों पर बहन साहिबा की हत्या करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। 25 मई 2015 को पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं पुलिस ने दो दिन बाद हत्या में प्रयुक्त सब्बल और चुन्नी भी बरामद की थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। अभियोजन की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता संतोष नकवी ने पैरवी की। वहीं आरोपी नाजिम की ओर से शैलेंद्र कुमार मिश्रा एडवोकेट ने अपना पक्ष रखा। बताया कि न्यायालय ने दो आरोपियों मां भूरी और आरिफ को दोष सिद्ध करार दिया। जबकि एक आरोपी भाई नाजिम को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। सजा के प्रश्न पर 12 मार्च को सुनवाई होगी।