@विनोद भगत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज ऊधमसिंह नगर के दौरे पर आ रहे हैं। लेकिन इधर राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है। इस बार कांग्रेस से आये सतपाल महाराज के नाम की चर्चाएं चल रही है।
हालांकि सतपाल महाराज की ओर से इन चर्चाओं पर चुप्पी है। सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने तो अभी से कहना शुरू कर दिया है कि अगले एक दो दिन में सतपाल महाराज मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। यहाँ तक कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली तलब किया जा रहा है। अगर सूत्रों की मानें तो नेतृत्व परिवर्तन पर देहरादून से लेकर दिल्ली तक मंथन शुरू हो चुका है। हालांकि पिछले कुछ समय से लगातार त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटानेे की चर्चाएं बलवती होती रहीं हैं। पर हर बार इन कोशिशों पर ब्रेक लगा दिया गया।
यहाँ सतपाल महाराज ने एक बार कहा भी है कि भाजपा के टिकट पर पौड़ी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने ऐलान कर दिया कि वह लोक सभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने साफ किया कि अभी वो उत्तराखंड में ही सेवाएं देते रहेंगे। बकौल महाराज, विंटर डेस्टिनेशन्स बनाने का जो सपना जनता को दिखाया है, उसे पूरा करूंगा। यह काम पूरा किए बिना दूसरी जगह नहीं जा सकता। वहीं, कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने भी कहा कि वो पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं, पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसे पूरा करेंगे।
सोशल मीडिया में तो यहाँ तक कहा जाने लगा है कि डा रमेश पोखरियाल निशंक भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं लेकिन सतपाल महाराज और उनके बीच सहमति बन गयी है। दोनों ही नेताओं ने अपनी ओर से इस बारे में कुछ नहीं कहा लेकिन इस बात का खंडन भी नहीं किया है। ऐसे में त्रिवेंद्र सिंह रावत के हटने की संभावना बलवती लग रही है। बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते भाजपा अगला विधानसभा चुनाव नहीं जीत पायेगी। और यह बात खुद भाजपा से ही उठ रही है। दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद तो त्रिवेंद्र विरोधी लॉबी सक्रिय हो चुकी है।