@वेद भदोला
नई दिल्ली। दिल्ली में मिली करारी हार का कारण भाजपा नेताओं के जहरीले बोल थे। यह बात स्वयं गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव परिणाम आने के दो दिन बाद स्वीकार की है।
आज अमित शाह ने कहा कि ‘गोली मारो’ और ‘भारत-पाकिस्तान मैच’ जैसे बयान नहीं देने चाहिए थे, पार्टी इस तरह के बयानों से खुद को अलग रखती है। साथ ही अमित शाह ने यह भी कहा कि दिल्ली के नतीजे सीएए के विरोध में नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि चुनाव को लेकर उनका आकलन गलत साबित हुआ।
अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन किया है। हो सकता है कि भाजपा को पार्टी नेताओं के घृणास्पद बयानों का नुकसान हुआ हो। गृहमंत्री ने दिल्ली विधानसभा चुनाव पर कहा कि हम सिर्फ हार या जीत के लिए चुनाव नहीं लड़ते हैं। भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो अपनी विचारधारा के विस्तार में विश्वास रखती है।
उनका कहना था कि भाजपा को पार्टी नेताओं के घृणास्पद बयानों का नुकसान हुआ हो। गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे सीएए और एनआरसी को लेकर जनादेश नहीं है। अमित शाह ने कहा, सीएए पर जिसको चर्चा करनी है, मेरे ऑफिस से समय मांगे, मैं तीन दिन के भीतर चर्चा करूंगा। सीएए की ही तरह लॉन्ग टर्म वीजा का प्रावधान था जो 1964 में बनाया गया था।शाह ने कहा कि सीएए के विरोध पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन यह चर्चा भी होनी चाहिए कि यह विरोध क्यों हो रहा है?