काशीपुर। बसंत पंचमी के अवसर पर आज यहाँ सनातन संस्कृत महाविद्यालय में मंत्रोच्चार के साथ सामूहिक जनेऊ संस्कार का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस दौरान संस्कार को आए बटुकों को श्रृद्वालुओं ने भिक्षा दी। इस बार खास बात यह रही कि यज्ञापेवीत संस्कार में गढवाल समेत उप्र के सीमावर्ती जिलों से आए बटुकों ने भाग लिया।
मोहल्ला किला स्थित सनातन संस्कृत महाविद्यालय में यज्ञोपवीत संस्कार के पूर्व 40 बटुकों का चूडाकर्म, कर्णभेद तथा स्थापित देवताओं का पूजन किया गया। कार्यक्रम में पधारे तमाम श्रृृद्वालुओं ने उन बटुकों को भिक्षा दान दी । उसके बाद सूर्य भगवान को उन बटुकों ने अर्घ्य दिया। पूर्णाहुति देकर यज्ञाेपवीत का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य तुलाराम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार अल्मोड़ा, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, मुरादाबाद, रामनगर, हल्द्वानी से कई छात्र यज्ञोपवीत संस्कार में भाग लेने सपरिवार पधारे हैं। उन्होंने बताया कि यज्ञोपवीत संस्कार की परंपरा माद्य शुक्ल पक्ष 2 फरवरी 1956 में स्वामी ओमकारानंद ने की थी। तभी से महाविद्यालय में प्रतिवर्ष आयोजन किया जा रहा है। अब तक यहां पर 3048 बटुकाें का यज्ञोपवीत संस्कार हो चुका है।