@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (05 सितंबर, 2021)
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने न सिर्फ खेती-किसानी बल्कि निजीकरण, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया।
टिकैत ने कहा कि अड़ियल सरकार को झुकाने के लिए वोट की चोट जरूरी है। टिकैत ने कहा, “देश बचेगा, तभी संविधान बचेगा। सरकार ने रेल, तेल और हवाई अड्डे बेच दिए हैं। किसने सरकार को ये हक दिया। ये बिजली बेचेंगे और प्राइवेट करेंगे. सड़क बेचेंगे और सड़क पर चलने पर हम लोगों से टैक्स भी वसूलेंगे।”
टिकैत ने कहा, “भारत बिकाऊ है, यानी सेल फॉर इंडिया का बोर्ड देश में लग चुका है। एलआईसी, बैंक सब बिक रहे हैं। इनके खरीदार अडाणी, अंबानी हैं। एफसीआई की जमीन, गोदाम अडाणी को दिए गए हैं। समुद्र तटों के सैकड़ों किलोमीटर तक बंदरगाह बेच दिए गए हैं, मछुआरे इससे परेशान हैं। ऐसे में सभी बड़े मुद्दों को साथ लाकर देश को बचाना है।”
टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना से रेलवे के साढ़े चार लाख कर्मचारी बेरोज़गार होंगे। सरकार ने रेलवे को प्राइवेट कर दिया है। कई ट्रेनें और स्टेशन बेच दिए हैं। राकेश टिकैत ने फिर दोहराया, “हम एमएसपी की क़ानूनी गारंटी चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को वोट की चोट देनी पड़ेगी। ये बीजेपी के लोग यूपी दंगा कराने वाले लोग हैं लेकिन हम उत्तर प्रदेश में ये नहीं होने देंगे।”