@शब्द दूत ब्यूरो (03 सितंबर, 2021)
देवस्थानम बोर्ड के मामलों को देख रही उच्चाधिकार प्राप्त समिति के प्रमुख मनोहर कांत ध्यानी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कदम पर अपनी सहमति दी है।
ध्यानी की अध्यक्षता में समिति का गठन जुलाई में चारधाम देवस्थानम बोर्ड अधिनियम की देखरेख करने और इसमें “सकारात्मक संशोधन” का सुझाव देने के लिए किया गया था। इस अधिनियम ने पिछले साल चारधाम देवस्थानम बोर्ड का निर्माण किया था। सरकार के इस कदम से मंदिरों के पुजारियों को निराशा हुई, उन्हें लगता है कि यह उनके पारंपरिक अधिकारों का उल्लंघन है।
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि देवस्थानम बोर्ड को किसी भी कीमत पर पुजारियों और ‘हक-हकूकधारियों’ के हितों पर आघात नहीं करने दिया जाएगा। मंदिरों में और उसके आसपास के संसाधनों पर ‘हक-हकूकधारियों’ का पारंपरिक अधिकार है। वे मंदिरों को आसपास के जंगलों से एकत्रित ‘पूजा सामग्री’ प्रदान करते हैं और बदले में उन्हें दस्तूर के रूप में भोग का एक हिस्सा दिया जाता है।
गौरतलब है कि देवस्थानम बोर्ड, तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान अस्तित्व में आया था और यह चारधाम सहित 51 मंदिरों का प्रबंधन करता है।