@शब्द दूत ब्यूरो (01 फरवरी 2023)
काशीपुर । देवभूमि पर्वतीय महासभा के गठन का उद्देश्य तो बहुत अच्छा था। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य यह था कि पर्वतीय मूल के लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान था लेकिन अब देखने में आ रहा है कि पर्वतीय मूल के लोगों की समस्याओं के समाधान की जगह पूरी तरह राजनीति की चपेट में आ गई है। पर्वतीय मूल के मुखर समाजसेवी और उक्रांद के नेता मनोज डोबरियाल ने आज शब्द दूत से हुई संक्षिप्त वार्ता में देवभूमि पर्वतीय महासभा को लेकर अपने उदगार व्यक्त किये।
स्थानीय और राज्य के अन्य मुद्दों को देवभूमि पर्वतीय महासभा बिसरा चुकी है। मनोज डोबरियाल ने बड़ी बात कही कि राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को देवभूमि पर्वतीय महासभा के चुनाव में भाग नहीं लेना चाहिए। राजनीतिक दल से जुड़े होने की वजह से आम पर्वतीय जन की समस्या पर उन्हें चुप्पी साधनी पड़ती है। मनोज डोबरियाल कहते हैं कि हाल ही में कई पेपर लीक के मामले सामने आये लेकिन देवभूमि पर्वतीय महासभा इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रही। पर्वतीय लोगों की अनेक कालोनियों में सड़क बिजली पानी आदि की समस्याओं को लेकर देवभूमि पर्वतीय महासभा कहीं भी नजर नहीं आती।
वहीं मनोज डोबरियाल ने उत्तराखण्ड आंदोलनकारियों पर बर्बरता करने वाले मुलायम सिंह यादव को पद्म पुरस्कार दिये जाने को उत्तराखंड आंदोलनकारियों का अपमान बताया। उन्होंने इस पुरस्कार को वापस लेने की भी मांग की है।