@शब्द दूत ब्यूरो (10 सितंबर 2021)
काशीपुर । भारतीय किसान यूनियन नेताओं ने धान खरीद में आ रही समस्याओं के समाधान की मांग करते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत को उपजिलाधिकारी के माध्यम से आज एक ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन में भाकियू नेताओं ने 2019 की धान खरीद नीति को पुनः लागू करने की बात कही है। साथ ही उसमें धान मिल मालिकों को होने वाली समस्याओं का समाधान करने की मांग की है। ताकि किसानों को राहत मिले। 17 प्रतिशत से अधिक नमी वाला धान तौल केंद्रों पर नहीं तोला जाता है और 17 प्रतिशत नमी तक धान सुखाना किसानों के मुमकिन नहीं है। ऐसे में मंडी रेट पर धान बिकने से किसानों को कोई फायदा नहीं होता। छह महीने की मेहनत के बावजूद लागत का पैसा भी किसानों को नहीं मिल पाता।
तहसील से तौल केंद्र पर जो सूची किसानों की भेजी जाती है उसमें अनियमितता के चलते किसान का रकबा छूट जाता है। किसानों को बेवजह तहसील के चक्कर काटने पड़ते हैं। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि लेखपाल व उनके सहयोगी बगैर सुविधा शुल्क के उनका काम नहीं करते हैं। किसानों को खसरे की नकल लाने के लिए बाध्य न किया जाये।
किसान यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष टीका सिंह सैनी ने कहा कि प्रति हेक्टेयर 70 कुन्तल धान की पैदावार सीमा को यथावत रखा जाये। वहीं धान खरीद के बाद अधिक से अधिक एक सप्ताह में भुगतान किसान को दे दिया जाये।
उन्होंने सुझाव दिया कि किसान प्रतिनिधियों, राइस मिल प्रतिनिधियों व सहकारी, खाद्य विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक बुलाकर धान तौल केंद्रों के सुचारू संचालन की व्यवस्था बनाई जाये।
ज्ञापन देने वालों में भाकियू के जिला महामंत्री बलजिंदर सिंह संधू, जिला उपाध्यक्ष बलकार सिंह फौजी, कुलदीप सिंह चीमा, जीत सिंह चीमा आदि शामिल थे।