@शब्द दूत ब्यूरो (24 जनवरी, 2023)
जोशीमठ के औली में बर्फ है, शीतकालीन पर्यटन सीजन भी चल रहा है लेकिन पर्यटक नहीं हैं। पर्यटन से जुड़े जिन कारोबारियों को इन दिनों फुरसत नहीं होती थी वे बिना काम के बैठे हुए हैं। ऐसे में कारोबारियों और उनसे जुड़े कर्मचारियों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। जोशीमठ-औली रोपवे को पहले ही सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया हुआ है।
औली में पर्यटन कारोबारियों के लिए यही समय होता है जब वे अच्छी कमाई करते हैं। खासकर जब यहां बर्फबारी होती है तो पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ता है। यहां होटल और अन्य पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारी इस सीजन में खूब व्यस्त रहते हैं। कई बार पर्यटकों को कमरे नहीं मिल पाते तो वे रात्रि विश्राम के लिए जोशीमठ आ जाते हैं। लेकिन इस बार जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते आई आपदा से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
औली में पिछले साल दिसंबर में 1935 और जनवरी में 1300 पर्यटक पहुंचे थे लेकिन इस बार दिसंबर में भी 1109 पर्यटक पहुंचे लेकिन जनवरी में अभी तक 634 पर्यटक ही पहुंच पाए हैं। जोशीमठ आपदा के बाद औली में बर्फबारी के बावजूद पर्यटक बुकिंग रद्द कर रहे हैं। पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब यहां बर्फ तो पड़ी है लेकिन बुकिंग रद्द हो रही हैं।
औली में गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस और हट के अलावा 10 से अधिक निजी होटल और लॉज हैं। इसके अलावा होम स्टे, हट भी लोगों ने यहां पर खूब बनाए हुए हैं। बर्फबारी के दौरान स्कीइंग पर्यटकों को स्कीइंग सिखाने, लकड़ी और टायर पर पर्यटकों को बर्फ में खींचने के सहित अन्य कारोबार से भी लोग जुड़े हुए हैं। यहां पर सभी तरह के पर्यटन से 500 से अधिक लोग जुड़े हैं, जिनकी रोजी रोटी इसी से चलती है लेकिन इस बार पर्यटकों के काफी कम आने से सभी का कारोबार प्रभावित हुआ है।