@शब्द दूत ब्यूरो (13 अगस्त 2021)
उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में देश के इतिहास में पहली बार एक राजनेता की वजह से महाकाल के मंदिर में भस्म आरती आधे घंटे तक रोक दी गई। यही नहीं जब तक राजनेता और उसके साथी वहाँ रहे मंदिर के पुजारियों तक को भीतर आने की अनुमति नहीं दी गई।
यह राजनेता कोई और नहीं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ चर्चित नेता कैलाश विजयवर्गीय थे। इस मामले से वहाँ हंगामा मच गया है। मंदिर के मुख्य पुजारी अजय पंडित और संजय पुजारी आरोप लगाया कि नेताओं के वीआईपी दर्शन की वजह से महाकाल की भस्म आरती आधे घंटे देरी से हुई। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय, उनके बेटे और भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय, बीजेपी विधायक रमेश मेन्डोला समेत अन्य लोगों की वजह से इस आरती में देरी हुई। नागपंचमी के अवसर पर जब यह नेता मंदिर के भीतर थे तो मंदिर के सभी द्वार बंद कर दिए गए।
पुजारियों का कहना था कि वीआईपी दर्शन ने महाकाल मंदिर की सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया। सालों से सुबह 4 से पांच बजे तक महाकाल की भस्म आरती होने की परंपरा है लेकिन आज सुबह साढ़े चार बजे से आरती शुरू हो पाई।
मंदिर के ऑफिसर-इंचार्ज दिनेश जायसवाल ने कहा कि ‘मुझे आदेश मिला था और मैं उसको फॉलो कर रहा था। मैं इसके अलावा इसपर और कुछ नहीं कह सकता।’ बता दें कि दिनेश जायसवाल के कहने पर ही मंदिर के दरवाजे बंद कर दिये गये थे। वहीं इस पूरे मामले पर कैलाश विजयवर्गीय ने बातचीत करने से इनकार कर दिया। वहीं रमेश मेन्डोला ने भी मीडिया के सवालों को नजरअंदाज कर दिया।