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अधिवक्ता पर पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया, गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया

@शब्द दूत ब्यूरो (19 अगस्त 2021)

श्रीगंगानगर । राजस्थान के श्रीगंगानगर में जवाहरनगर थाना पुलिस ने सत्संग विहार कॉलोनी में उत्तराखंड की नीतू सोनी वर्मा एवं उनके पति की करोड़ों की प्रॉपर्टी के संबंध में साढ़े तीन वर्ष से चले आ रहे प्रकरण में आखिरकार आज सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र पेश कर दिया। पुलिस ने बताया कि सत्संग विहार कॉलोनी निवासी भादरराम सोनी और उसके दामाद अजय वर्मा के विरुद्ध धारा धोखाधड़ी 420 और संयुक्त अपराध की धारा 120-बी के तहत चालान पेश किया गया है। दोनों को पूर्व में पुलिस ने पाबंद कर किया गया कि चालान पेश किए जाने के समय उन्हें अदालत में पेश होना होगा। आज चालान पेश किए जाने के समय ससुर-दामाद उपस्थित रहे। पुलिस ने बताया कि दोनों के पहले ही थाने में जमानत बंध पत्र ले लिए गए थे।

नीतू सोनी वर्मा ने 25 अप्रैल 2018 को सत्संग विहार कॉलोनी में उसकी संपत्ति को फर्जीवाड़ा कर हड़पने का आरोप लगाते हुए जवाहरनगर थाना में देहरादून निवासी वकील अजय वर्मा पुत्र श्यामलाल वर्मा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाया था। देहरादून निवासी नीतू सोनी वर्मा ने जवाहरनगर थाना में रिपोर्ट देकर बहनोई अजय वर्मा एडवोकेट निवासी हरीपुरम कांवली जीएमएस रोड देहरादून पर फर्जी कागजात बनाकर धोखे से सत्संग विहार कॉलोनी में उसकी संपत्ति को हड़पने का आरोप लगाया था। बीते तीन वर्षों के दौरान इस मामले की दो आईपीएस और तीन आरपीएस अधिकारियों द्वारा जांच की गई। जांच में पुलिस ने यह संपत्ति नीतू वर्मा और उनके पति की होना माना। सबसे अंत में जांच करने वाले डीएसपी (ग्रामीण) भंवरलाल मेघवाल ने विगत अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ससुर दामाद को पाबंद करने की कार्यवाही की थी।

नीतू वर्मा ने दर्ज करवाए मुकदमे में बताया कि उसके पति ने वर्ष 2004 में पवन मित्तल निवासी नई धानमंडी से सत्संग विहार कॉलोनी में भूखंड संख्या 1,2 और 3 खरीद कर पंजाब नेशनल बैंक की बीरबल चौक शाखा से 12 लाख का लोन लेकर भवन बनाया था। नीतू सोनी के मुताबिक ऐसे किसी इकरारनामा दस्तावेज पर उसने कभी हस्ताक्षर नहीं किए। वह स्टांप पेपर लेने भी नोटेरी के पास नहीं गई थी। उसके फर्जी हस्ताक्षर कर अजय वर्मा ने यह कागजात बनाए हैं। जिस नोटरी द्वारा 2015 में यह कागजात दर्शाया गया है, उस पर मोहर 2017 की दिख रही है।

अपने खिलाफ दर्ज हुए इस मुकदमे को निरस्त करवाने के लिए अजय वर्मा ने हाईकोर्ट में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत याचिका दायर की,जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इस फर्जीवाड़े के षड्यंत्र में भादरराम सोनी को भी पुलिस ने अपने अनुसंधान में दोषी माना। दो आईपीएस और तीन आरपीएस द्वारा बीते 3 वर्षों के दौरान इस मामले की जांच की गई। सबसे अंत में जांच करने वाले डीएसपी (ग्रामीण) भंवरलाल मेघवाल गत 2 अप्रैल को को दलबल सहित सत्संग विहार कॉलोनी में अजय वर्मा और बहादुरराम सोनी को पाबंद करने की कार्रवाई की। इसके बाद पुलिस दोनों दोषियों के विरुद्ध अदालत में चालान पेश करने से कतरा रही थी 5 महीने कोई ना कोई बहाना और टालमटोल करने में बिता दिए लगभग 10 दिन पहले नीतू सोनी ने पुलिस महानिदेशक को इस सारे मामले की जानकारी देते हुए जवाहर नगर थाना पुलिस की शिकायत की। इसका असर यह हुआ कि पुलिस ने दोषियों के विरूद्ध आज चालान पेश कर दिया।

   

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