@शब्द दूत ब्यूरो (04 दिसंबर 2025)
काशीपुर। देवभूमि उत्तराखंड के प्राचीन और पावन तीर्थ स्थलों में शामिल श्री द्रोणा सागर तीर्थ इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। जिस सरोवर को पौराणिक महत्व के कारण “सागर” कहा जाता है, वहां आज जल नहीं, बल्कि कूड़े का अंबार नजर आ रहा है। सरोवर के किनारों पर चिप्स के पैकेट, चाय के गिलास, प्लास्टिक की पन्नियां और डोने फंसे दिखाई दे रहे हैं, जो इस धार्मिक स्थल की उपेक्षा की गवाही दे रहे हैं।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का कहना है कि यह पवित्र तीर्थ स्थल प्रशासन के रख-रखाव में है, लेकिन सफाई व्यवस्था की असलियत स्थल पर मौजूद गंदगी खुद बयां कर रही है। श्रद्धालुओं द्वारा फेंका गया कचरा हो या बाहरी तत्वों की लापरवाही, द्रोणा सागर के चारों ओर फैली गंदगी यह दिखाती है कि हम अपने पवित्र स्थलों के प्रति कितने जागरूक हैं।
वर्तमान में सरोवर में पानी नाममात्र भी नहीं है। “सागर” कहलाने वाला यह तीर्थ स्थल अब सूखे गड्ढे और कूड़े के ढेर जैसा दिखता है। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से तत्काल सफाई अभियान चलाने और तीर्थ स्थल के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
द्रोणा सागर की यह स्थिति न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और पर्यावरणीय संवेदनशीलता पर भी बड़े सवाल खड़े करती है।
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