@शब्द दूत ब्यूरो (24 सितंबर 2025)
लद्दाख में बुधवार को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर किया जा रहा विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। लेह में हुए इस प्रदर्शन के दौरान कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हो गए। हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया और पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी।
प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान स्थानीय भाजपा कार्यालय और एक सुरक्षा वाहन को आग के हवाले कर दिया। स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इसके बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 163 के तहत लेह में कर्फ्यू लागू कर दिया गया, जिसके चलते अब किसी भी तरह की रैली, जुलूस या मार्च बिना लिखित अनुमति के नहीं निकाला जा सकेगा।
यह आंदोलन लेह एपेक्स बॉडी (LAB) की युवा शाखा द्वारा आयोजित किया गया था, जिनकी प्रमुख मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, ताकि क्षेत्र की आदिवासी पहचान, पर्यावरण और संस्कृति की रक्षा की जा सके।
गौरतलब है कि लद्दाख, जो पहले जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था, 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र शासित प्रदेश बना था। उस समय इस फैसले का स्वागत किया गया था, लेकिन अब वहां राज्य के दर्जे की मांग लगातार तेज होती जा रही है।
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