@शब्द दूत ब्यूरो (06 दिसंबर 2024)
नयी दिल्ली। राज्यसभा में कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के नीचे नोटों की गड्डियां मिलने के बाद पक्ष विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गये हैं। मामले को लेकर सदन में जमकर हंगामा चल रहा है।
दरअसल राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सासंद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के नीचे से नोटों की गद्दी मिलने का दावा करते हुए कहा कि कल सिक्योंरिटी चेक के दौरान सिंघवी की सीट के नीचे से नोट की गड्डी मिली। धनखड़ ने कहा कि सीट नंबर 222 से नोटों की गड्डी बरामद हुई. नोट मिलने का मामला बेहद गंभीर है। वहीं, सिंघवी का कहना है उनके पास 500 रुपये का केवल एक नोट था।
इस पूरे मामले में सभापति ने जांच के आदेश दे दिए हैं। जगदीप धनखड़ ने सदन को बताया कि 5 दिसंबर को कार्यवाही स्थगित होने के बाद एक सीट से 500 के नोट की गड्डी मिली। गड्डी सीट नंबर 222 से मिली और यह सीट तेलंगाना से राज्यसभा के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की सीट है। इसकी जांच होनी चाहिए और ऐसा हो भी रहा है. इस पर विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा कर दिया।
उधर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आप कह भी रहे हैं कि मामले की जांच चल रही है तो जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, ऑथेंटिसिटी नहीं हो जाती इसकी, आपको किसी का नाम नहीं लेना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जब किसी सीट से यह मिला है और वह सीट किसी सदस्य को अलॉट है तो उसका नाम लेने में क्या गलत है।
वहीं कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा है कि जब वो राज्यसभा गए थे तो उनके पास 500 रुपये का एक नोट था। मैंने ऐसा पहली बार सुना है। मैं 12.57 बजे सदन में पहुंचा था और 1 बजे वहां से निकल गया, उसके बाद मैं 1.30 बजे कैंटीन में बैठा और फिर मैं संसद से निकल गया।सिंघवी ने कहा कि सभापति इस मामले की जांच कराएं।
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी सफाई में कहा कि यह घटना पूरी तरह से राजनीति का हिस्सा बन चुकी है। सिंघवी ने बताया कि उन्होंने सदन में महज तीन मिनट का समय बिताया था और उसके बाद वह कैंटीन में भोजन करने गए थे। उन्होंने कहा, “मैं इसके बारे में सुनकर भी हैरान हूं। यह पूरी तरह से राजनीति का खेल है और इसमें किसी तरह की साजिश हो सकती है।”
अभिषेक मनु सिंघवी ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा, “यह मामला बहुत दुखद और गंभीर है। अगर यह गंभीर नहीं होता तो यह हास्यास्पद होता। मैं समझता हूं कि इस मामले की तह तक जांच होनी चाहिए और सुरक्षा एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।” इस घटना के बाद राज्यसभा में स्थिति तनावपूर्ण हो गई, और सदन की कार्यवाही में व्यवधान पड़ा। सभी दलों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी, लेकिन यह मामला अभी भी जांच के दायरे में है।