नई दिल्ली। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उन पर चीन के तीन बैकों ने लंदन की एक अदालत में 680 मिलियन डॉलर के भुगतान नहीं करने पर मुकदमा ठोक दिया है। 2012 में इंडस्ट्रीयल एड कमर्शल बैंक ऑफ चाइना का मुंबई ब्रांच (ICBC), चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना ने अनिल अंबानी की फर्म रिलायंस कम्युनिकेशन (RCom) को निजी गारंटी की शर्त पर 925 मिलियन डॉलर का ऋण दिया था। यह बात ICBC के वकील बंकिम थांकी ने अदालत को बताई। कोर्ट को बताया गया है कि फरवरी 2017 के बाद से अंबानी अपने भुगतान के दायित्यों की पूर्ति नहीं किए।
इस संदर्भ में अंबानी की तरफ से कहना है कि उन्होंने लोन के संदर्भ में कभी भी अपने निजी संपत्ति की गारंटी नहीं दी थी। पिछले कुछ वर्षों में अनिल अंबानी की किस्मत बेहद खस्ताहाल चल रही है। लगातार वह देश के अमीर लोगों की श्रेणी में काफी पीछे जाते दिखाई दे रहे हैं। जबकि, उनके बड़े भाई 56 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ एशिया के सबसे धनी और दुनिया के 14वें सबसे अमीर शख्स हैं।
अनिल अंबानी पर कुल चार कंपनियों पर 93,900 करोड़ रुपये का कर्ज है। इनमें 7000 करोड़ रुपये का कर्ज रेड नेवल एंड इंजीनियरिंग पर है। जबकि, आरकैप पर सबसे ज्यादा 38,900 करोड़ का लोन है। वहीं, इसके बाद नंबर रिलायंस पावर का है। इस कंपनी पर 30,200 करोड़ का कर्ज है। इसके अलावा रिलायंस इंफ्रा पर भी 17,800 करोड़ रुपये का कर्ज है।
अदालत की सुनवाई में ICBC के वकीलों ने न्यायाधीश डेविड वाक्समैन से कहा कि अंबानी को एक प्रारंभिक आदेश या एक सशर्त आदेश के लिए सुविधा समझौते के तहत संपूर्ण राशि और ब्याज का भुगतान करना होगा। हालांकि अंबानी ने अपनी संपत्ति का कोभी सबूत देने से इनकार कर दिया है।


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